हार्दिक पर फंसा है सर्वश्रेष्ठ संयोजन का पेंच, चार ओवर अच्छी गेंदबाजी करने की स्थिति में नहीं हैं पांड्या

T20 world cup 2021 हार्दिक पांड्या ने टी-20 विश्व कप के दोनों अभ्यास मैचों में भी उन्होंने एक भी गेंद नहीं फेंकी। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को होने वाले अहम मुकाबले में टीम इंडिया की जीत का फार्मूला क्या होगा।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:32 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 12:29 AM (IST)
हार्दिक पर फंसा है सर्वश्रेष्ठ संयोजन का पेंच, चार ओवर अच्छी गेंदबाजी करने की स्थिति में नहीं हैं पांड्या
टीम इंडिया के आलराउंडर हार्दिक पांड्या (एपी फोटो)

अभिषेक त्रिपाठी, दुबई। हार्दिक पांड्या जब भारतीय क्रिकेट में आए थे तो उन्होंने टीम इंडिया के ऐसे दर्द को कम किया था जिसे टीम इंडिया कपिल देव के जाने के बाद से सह रही थी, लेकिन कुछ सालों के अंदर ही हार्दिक खुद ऐसे दर्द से पीड़ित हो गए हैं जो टीम इंडिया के लिए नासूर बनता जा रहा है।

भारतीय चयनकर्ताओं ने जब हार्दिक को विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना था तो यह कहा गया था कि वह गेंदबाजी करेंगे, लेकिन आइपीएल के दूसरे चरण में उन्होंने मुंबई इंडियंस की तरफ से गेंदबाजी नहीं की। यही नहीं टी-20 विश्व कप के दोनों अभ्यास मैचों में भी उन्होंने एक भी गेंद नहीं फेंकी। फिलहाल ऐसे आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को होने वाले अहम मुकाबले में टीम इंडिया की जीत का फार्मूला क्या होगा।

अगर हार्दिक गेंदबाजी नहीं करते हैं तो क्या उनको अंतिम एकादश में जगह देनी चाहिए या शार्दुल ठाकुर को तेज गेंदबाजी आलराउंडर के तौर पर आगे बढ़ाना चाहिए क्योंकि स्पिन गेंदबाजी आलराउंडर के तौर टी-20 में भारत के पास रवींद्र जडेजा पहले से ही मौजूद हैं। भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में विराट कोहली से छठे गेंदबाज के तौर पर गेंदबाजी कराई थी, जबकि यह काम पांड्या का है।

हार्दिक की समस्या : 26 जनवरी 2016 को एडिलेड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मुकाबले में भारत की तरफ से पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद हार्दिक को इसी साल 16 अक्टूबर को धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ पदार्पण करने का मौका मिल गया। बल्लेबाजी के साथ तेज गेंदबाजी करने के कौशल के कारण उन्हें अगले ही साल गाले में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में ही पदार्पण का मौका मिल गया। भारतीय कप्तान विराट कोहली हों या मुख्य कोच रवि शास्त्री, उनको लग रहा था कि टीम इंडिया को जीत का फार्मूला मिल गया है और ऐसा था भी क्योंकि पांड्या के आने से टीम का संयोजन कुछ ऐसा बैठा कि टीम इंडिया जीतने लगी। छठे-सातवें नंबर पर आकर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करना फिर छठे गेंदबाज का विकल्प बनना।

तीनों फार्मेट में उनके रिकार्ड इस बात की गवाही भी देते हैं। खास तौर पर टी-20 में उन्होंने कमाल किया। वह 49 टी-20 की 33 पारियों में 145.34 के स्ट्राइक रेट से 484 रन बना चुके हैं। उन्होंने 45 मैचों में गेंदबाजी की है और 42 विकेट लिए हैं, लेकिन अब वह गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं। 2018 एशिया कप के दौरान हार्दिक पांड्या को लोअर बैक इंजरी हुई थी, इसके बाद से वह चोट के चलते टीम से अंदर-बाहर होते रहे। अक्टूबर-2019 में उन्होंने लंदन में लोअर बैक सर्जरी कराई। इसके बाद से उनका करियर और भारतीय टीम का संयोजन डगमगा गया है। वह ऐसे एक्स फैक्टर हैं जिनके ठीक होने का इंतजार हर कोई कर रहा है। 2018 के बाद से उन्हें किसी टेस्ट मैच में खेलने का मौका नहीं मिला क्योंकि गेंदबाजी के बिना वह अधूरी किताब हैं, जिसे कोई नहीं पढ़ना चाहता। जहां तक टी-20 की बात है तो उन्होंने आपरेशन के बाद इस साल अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टी-20 मैचों में 17 और श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में दो ओवर डाले। इन छह मैचों में उन्होंने चार विकेट भी लिए लेकिन उनकी वह फार्म नहीं दिखी जिसके लिए वह जाने जाते थे।

क्या छुपाया जा रहा : आस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच से पहले रोहित शर्मा ने कहा था कि हार्दिक ने नेट में गेंदबाजी नहीं शुरू की है लेकिन उम्मीद है कि वह जल्द गेंदबाजी शुरू करेंगे और विश्व कप के सुपर-12 मुकाबलों में गेंदबाजी के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा था कि हार्दिक को गेंदबाजी शुरू करने में कुछ समय लगेगा लेकिन उन्हें टूर्नामेंट के दौरान किसी भी समय तैयार रहना चाहिए। इस तरह के एक बड़े टूर्नामेंट में आप हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एक खिलाड़ी 100 फीसद फिट हो। अगर हार्दिक 100 फीसद फिट नहीं हैं तो उन्हें चयनकर्ताओं ने किस आधार पर टीम में चुना। अगर वह गेंदबाजी नहीं करते हैं तो उनकी टीम में जगह कैसे बनेगी?

आप सिर्फ एक ताबड़तोड़ हिटर के तौर पर पांड्या को छठे नंबर पर बल्लेबाजी कराने के लिए टीम में नहीं रख सकते हो, वह भी तक जब उनका आइपीएल में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा हो। कुल मिलाकर इस मामले में चयनकर्ताओं को या तो अंधेरे में रखा गया या उन्होंने हार्दिक पर ज्यादा विश्वास कर लिया। यही कारण है कि आइपीएल खत्म होने के बाद चयनकर्ताओं को पुरानी टीम में परिवर्तन करते हुए रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल रहे शार्दुल ठाकुर को 15 खिलाड़ियों में शामिल करना पड़ा। इस कारण स्पिनर अक्षर पटेल को बिना गलती के बाहर का रास्ता देखना पड़ा।

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