17 जुलाई को BCCI की शीर्ष परिषद की बैठक में होगा FTP पर फैसला
BCCI एपेक्स काउंसिल की मीटिंग 17 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी जिसमें फ्यूचर टूर प्रोग्राम यानी एफटीपी पर चर्चा की जाएगी क्योंकि भारतीय टीम की कई सीरीज स्थगित या रद
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ को कोरोना वायरस से काफी नुकसान हुआ है। भारत को पहली सीरीज बिना खेल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करनी पड़ी थी, क्योंकि मार्च के दूसरा सप्ताह में कोरोना वायरस ने भारत में दस्तक दे दी थी। इसके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल जैसा टूर्नामेंट और फिर कई सीरीजों के स्थगित होने के कारण बीसीसीआइ को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में अब फिर से बोर्ड इन सीरीजों के बारे में विचार करेगा।
बीसीसीआइ भारतीय टीम के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) और घरेलू सत्र पर 17 जुलाई को होने वाली शीर्ष परिषद की बैठक में फैसला लेगा। कोरोना वायरस महामारी की वजह से यह बैठक ऑनलाइन होगी, लेकिन इस बैठक में कई फैसले लिए जाने हैं। हालांकि, आइपीएल के 13वें सीजन से जुड़े मामलों पर चर्चा अधिकारिक तौर पर आइपीएल गवर्निग काउंसिल द्वारा की जाएगी, लेकिन इस मीटिंग में आइपीएल 2020 को लेकर चर्चा जरूर होने की संभावना है।
आपको बता दें, भारतीय टीम ने मार्च के पहले सप्ताह में न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। इसके बाद घरेलू सरजमीं पर भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी थी। सीरीज का पहला मैच धर्मशाला में होना था, जो बारिश की भेंट चढ़ गया था। वहीं, अगले दो मैच कोरोना वायरस के कारण स्थगित करने पड़े थे। इतना ही नहीं, इस बीच भारतीय टीम का श्रीलंका और जिंबाब्वे का दौरा भी रद कर दिया गया था।
अलका ने कहा- बैठक में केवल पात्र पदाधिकारी शामिल हों
बीसीसीआइ परिषद में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की प्रतिनिधि अलका रेहानी भारद्वाज ने बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि बैठक में केवल योग्य पदाधिकारी ही शामिल हों और इस मुद्दे को एजेंडे में रखने की आवश्यकता है। अल्का ने परिषद के सभी सदस्यों को भेजे ई-मेल में कहा कि उच्चतम न्यायालय की अनुकूलन अवधि पर लंबित सुनवाई के मुताबिक बीसीसीआइ में उपाध्यक्ष/सचिव/अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त या समाप्ति के कगार पर होने के कारण शीर्ष समिति के पुनर्गठन को बैठक के एजेंडा में शामिल करने की जरूरत है। बैठक में वही सदस्य भाग ले जो संविधान के अनुसार इसके पात्र हैं।