BCCI की होने वाली है बंपर कमाई, IPL के प्रसारण अधिकारों से 36000 करोड़ मिलने की उम्मीद
आइपीएल के प्रसारण अधिकार 2018 से 2022 के चक्र के लिए स्टार इंडिया के पास हैं। इसका उस समय मूल्यांकन करीब ढाई अरब डालर (करीब 18000 करोड़ रुपये) था लेकिन अगले चक्र में यह रकम दोगुनी होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को अगले पांच साल के चक्र (2023-2027) में आइपीएल के प्रसारण (टीवी और डिजिटल) अधिकारों से पांच अरब डालर (करीब 36,000 करोड़ रुपये) की कमाई हो सकती है, जबकि दो नई टीमों के आने से बोली लगाने की प्रक्रिया में कई बड़े नाम दौड़ में हैं। इंग्लिश प्रीमियर लीग के फुटबाल क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड के मालिक ने भी आइपीएल से जुड़कर एक नई टीम का मालिक बनने में रुचि दिखाई है।
आइपीएल के प्रसारण अधिकार 2018 से 2022 के चक्र के लिए स्टार इंडिया के पास हैं। इसका उस समय मूल्यांकन करीब ढाई अरब डालर (करीब 18,000 करोड़ रुपये) था, लेकिन अगले चक्र में यह रकम दोगुनी होने की उम्मीद है।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'अमेरिका स्थित एक कंपनी ने कुछ समय पहले आइपीएल मीडिया अधिकारों के लिए बोली लगाने में दिलचस्पी जताई थी। 2022 से आइपीएल में 10 टीमें होंगी और 74 मैच हो जाएंगे, जिससे इसका मूल्यांकन भी बढ़ेगा। दो नई टीमों के आने से 7,000 करोड़ से 10,000 करोड़ रुपये आएंगे और प्रसारण अधिकार भी बढ़ जाएंगे। अगले चक्र में आइपीएल के प्रसारण अधिकार चार से पांच अरब डालर (करीब 29,000 करोड़ से 36,000 करोड़ रुपये) तक के होने की संभावना है।'
किसी भी विदेशी कंपनी को आइपीएल मीडिया प्रसारण अधिकार तभी मिलेंगे जब उसकी भारतीय शाखा हो। पिछली बार टीवी और डिजिटल मीडिया अधिकार स्टार इंडिया ने सोनी को हराकर खरीदे थे। बीसीसीआइ आम तौर पर टीवी, डिजिटल (स्ट्रीमिंग), रेडियो और इंटरनेट मीडिया अधिकारों का वर्गीकरण करता है, लेकिन पिछली बार एक ही को सारे अधिकार दिए गए थे।
कंपनियां अलग भी बोली लगा सकती हैं, लेकिन अगर किसी एक बोली का मूल्यांकन बाकी सब बोलियों को मिलाकर बनने वाली रकम से अधिक हुआ तो उसे ही अधिकार दिए जाएंगे। बोर्ड 25 अक्टूबर को दुबई में टेंडर आमंत्रित करने की घोषणा करेगा। उसी दिन दो नई आइपीएल टीमों की भी घोषणा की जाएगी। दुनिया के सबसे महंगे क्लबों में शामिल मैनचेस्टर युनाइटेड सहित कई खेल संपत्तियों के मालिक ग्लेजर परिवार ने भी नई फ्रेंचाइजी से जुड़ने के लिए सभी दस्तावेज मंगवाए हैं।
हालांकि ओटीटी दस्तावेज लेने के बाद इसकी कोई गारंटी नहीं है कि ग्लेजर परिवार बोली लगाएगा, क्योंकि अगर उनकी बोली सफल होती है तो इसके लिए उन्हें भारत में एक कंपनी खोलनी पड़ेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बोली दस्तावेज लेने वालों में अदाणी समूह, टोरेंट फार्मा, अरबिंदो फार्मा, आरपी-संजीव गोयनका समूह, जिंदल स्टील जैसे ग्रुप भी शामिल हैं।