बीसीसीआइ के पास है अंपायरों की भारी किल्लत, कमी पूरी करने के लिए उठाया जा सकता है यह कदम

52 साल के प्रेमदीप चटर्जी ने कहा-बीसीसीआइ अगर अंपायरों की उम्र सीमा और बढ़ाता है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा। अगर कोई व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से फिट है तो 65 साल की उम्र में भी उसके लिए अंपायरिंग करना मुश्किल नहीं है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 09:38 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 09:38 PM (IST)
बीसीसीआइ के पास है अंपायरों की भारी किल्लत, कमी पूरी करने के लिए उठाया जा सकता है यह कदम
भारतीय अंपायर अनिल चौधरी मैदान पर एक्शन में (एपी फोटो)

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। भारत में क्रिकेट किसी धर्म से कम नहीं है। हर कोई क्रिकेटर बनना चाहता है लेकिन अंपायर बनने की चाह रखने वाले गिने-चुने ही हैं। यही कारण है कि 140 करोड़ की आबादी वाले इस देश में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के पास महज 143 अंपायर हैं। बीसीसीआइ को नए अंपायर नहीं मिल पा रहे। इस कमी को पूरा करने के लिए उसे अपने पुराने व अनुभवी अंपायरों की उम्र सीमा बढ़ानी पड़ रही है। पिछले साल ही उम्र सीमा 55 से बढ़ाकर 60 की गई थी और अब उसे बढ़ाकर 65 करने पर विचार किया जा रहा है। शुक्रवार को कोलकाता में हुई बीसीसीआइ की एपेक्स कमेटी की बैठक में इसपर गंभीरता से विचार किया गया है। सिर्फ अंपायर ही नहीं, कोच समेत अन्य स्टाफ की उम्र सीमा भी 65 करने के बारे में सोचा जा रहा है।

बीसीसीआइ पैनल के करीब 16 अंपायरों की उम्र 55 से 60 के बीच

सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआइ पैनल के करीब 16 अंपायरों की वर्तमान उम्र 55 से 60 के बीच है। उनमें से कई रिटायर्ड हो चुके थे। अंपायरों की उम्र सीमा बढ़ाकर उन्हें फिर से मैदान में उतारा गया है। बीसीसीआइ के अंपायरों के पैनल में शामिल 52 साल के प्रेमदीप चटर्जी ने कहा-'बीसीसीआइ अगर अंपायरों की उम्र सीमा और बढ़ाता है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा। अगर कोई व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से फिट है तो 65 साल की उम्र में भी उसके लिए अंपायरिंग करना मुश्किल नहीं है। उम्र तो महज एक नंबर है।'

आखिर क्यों हैं अंपायरों की इतनी किल्लत

बीसीसीआइ की छत्रछाया में हुए 500 से अधिक मैचों में अंपायरिंग कर चुके प्रेमदीप ने बताया-'जिस तरह अच्छा क्रिकेटर बनना आसान नहीं है, उसी तरह अच्छा अंपायर बनना भी सहज नहीं है। बीसीसीआइ के अंपायरों के पैनल में पहुंचने के लिए एक लंबा फासला तय करना पड़ता है। बेहद कड़े मानदंड हैं, जिनपर खरा उतरना पड़ता है। जिस तरह बल्लेबाज रन बनाकर और गेंदबाज विकेट चटकाकर परफार्म करते हैं, उसी तरह अंपायरों को मैदान पर सटीक निर्णय लेकर परफार्म करना पड़ता है। उसी के आधार पर उनकी पदोन्नति होती है।'

चटर्जी ने आगे कहा-'क्रिकेटर बनने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की कमी नहीं है जबकि अंपायरिंग के गुर सिखाने वाले गिने-चुने ही प्रशिक्षण केंद्र हैं, वे भी कुछ रिटायर्ड अंपायरों द्वारा चलाए जाते हैं। अंपायर बनने के प्रति युवाओं में उत्साह भी कम है। वर्तमान में बीसीसीआइ के अंतरराष्ट्रीय पैनल में चार अंपायर अनिल चौधरी, वीरेंदर शर्मा, शमशुद्दीन और अनंत पद्मानभान हैं। वहीं भारत से आइसीसी एलिट पैनल में सिर्फ नितिन मेनन हैं।'

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