IND vs AFG: अफगानिस्तान ने खोली टीम इंडिया की पोल
अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए सात रन की जरूरत थी, लेकिन राशिद खान के इस ओवर में सिर्फ छह रन बने और मैच टाई हो गया।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। विरोधियों को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए और जब भी कोई ऐसा करता है तो वह गच्चा खाता है। मंगलवार को दुबई में भारतीय टीम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। कोच रवि शास्त्री और टीम प्रबंधन ने अफगानिस्तान को कमजोर समझा और एशिया कप में लगातार चार मैच जीतने वाली टीम में एक-दो नहीं बल्कि पांच बदलाव कर डाले। कप्तान ही नहीं उपकप्तान को भी आराम दे दिया गया। नतीजा सबके सामने है।
किसी तरह एशिया की नंबर वन और दुनिया की दूसरे नंबर की भारतीय टीम 10वें नंबर की अफगानिस्तान के सामने हारते-हारते बची।शास्त्री की रणनीति को इसलिए भी सही नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि अफगानियों ने एशिया कप में अपने ग्रुप मैच में श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी टीमों को हराया था। इस टूर्नामेंट में अफगानिस्तान ने अपने दोनों गु्रप मुकाबले जीते थे और वह अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहते हुए सुपर-4 में आया था।
इसके बावजूद भारतीय प्रबंधन ने उसे हल्के में लिया। इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया पहली बार ही अफगानियों से भिड़ी और बमुश्किल हार से बच पाई। भारत और अफगानिस्तान के बीच अब तक दो वनडे, दो टी-20 और एक टेस्ट मैच हुआ है। मंगलवार को हुए मैच से पहले भारत ने इस टीम के खिलाफ अपने सभी चारों अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में पराजित किया था।
ढेरों बदलाव और टीम ढेर
भारतीय टीम में इस मैच के लिए पांच बदलाव किए गए। नियमित कप्तान रोहित शर्मा, उप कप्तान शिखर धवन, लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल और तेज गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया। उनकी जगह केएल राहुल, मनीष पांडे, दीपक चाहर, सिद्धार्थ कौल और खलील अहमद को अंतिम एकादश में शामिल किया गया। यह चाहर का पहला, खलील अहमद का दूसरा, सिद्धार्थ कौल का तीसरा, राहुल का 13वां और मनीष पांडेय का 23वां वनडे मुकाबला था।
निश्चित तौर पर बड़ी टीमें कमजोर टीमों के खिलाफ नए खिलाडि़यों को मौका देती हैं लेकिन एक साथ पांच खिलाडि़यों को बदलने का मतलब है कि आप अपने खिलाडि़यों को मौका नहीं दे रहे बल्कि आप कमजोर टीम को खुद पर भारी होने का मौका दे रहे हैं। मंगलवार को ऐसा ही कुछ हुआ।
टीम ने अपने तीन अनुभवी गेंदबाजों को नहीं खिलाया और यही कारण था कि मुहम्मद शहजाद ने अपने वनडे करियर का पांचवां शतक ठोका। वह जहां चाह रहे थे वहां शॉट मार रहे थे। उनके शतक की बदौलत अफगानिस्तान ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 252 रन का स्कोर बनाया। शहजाद ने 116 गेंदों पर 11 चौकों और सात छक्कों की मदद से 124 रन बनाए।
इस एशिया कप में भारत के खिलाफ अब तक किसी टीम का बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पाया। शहजाद भारत के खिलाफ शतक लगाने वाले अफगानिस्तान के पहले बल्लेबाज भी बने। अगर भुवी, बुमराह और युजवेंद्रा सिंह चहल में से कोई भी टीम में होता तो शहजाद को कम स्कोर पर भी आउट किया जा सकता था।
वह तो भला हो रवींद्र जडेजा का जिन्होंने पहले तीन विकेट लिए और बाद में नाजुक समय में 34 गेंदों पर 25 रन की पारी खेलकर भारत को हार से बचाया। हालांकि वह टीम को जीत भी दिला सकते थे क्योंकि भारत को दो गेंदों पर एक रन की दरकार थी लेकिन वह शॉट मारने के चक्कर में लपके गए। इसके साथ ही केएल राहुल का गलत रिव्यू लेना भी भारत को भारी पड़ा क्योंकि इसके बाद टीम इंडिया के पास कोई रिव्यू नहीं बचा।
अगर यह रिव्यू बचा होता तो महेंद्र सिंह धौनी और दिनेश कार्तिक अंपायर के गलत फैसले के खिलाफ अपील करके बच सकते थे। यह दोनों ही गलत फैसले पर पगबाधा आउट हुए। अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए सात रन की जरूरत थी, लेकिन राशिद खान के इस ओवर में सिर्फ छह रन बने और मैच टाई हो गया।