एचसीए की शीर्ष परिषद ने अजहरुद्दीन को अध्यक्ष पद से निलंबित किया, लगाए हितों के टकराव के आरोप
एचसीए की शीर्ष परिषद ने अपने संविधान के कथित उल्लंघन के लिए अपने ही अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मुहम्मद अजहरुद्दीन को निलंबित कर दिया। मो. अजहरुद्दीन के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए गए हैं।
हैदराबाद, प्रेट्र। हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) की शीर्ष परिषद ने अपने संविधान के कथित उल्लंघन के लिए अपने ही अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मुहम्मद अजहरुद्दीन को निलंबित कर दिया। अजहरुद्दीन के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि निलंबन की वैधता पर सवाल उठाया जा सकता है क्योंकि राज्य इकाई की आम सभा को ही पद पर काबिज अध्यक्ष को निलंबित करने का अधिकार है, शीर्ष परिषद को नहीं। एचसीए का लोकपाल पहले ही शीर्ष परिषद के पांच सदस्यों के खिलाफ जांच कर रहा है।
एचसीए की शीर्ष परिषद की पूर्व भारतीय कप्तान के साथ टकराव की स्थिति चल रही है और हाल में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की आम सभा की विशेष बैठक के दौरान वे शिवलाल यादव को अपना प्रतिनिधि बनाना चाहते थे लेकिन, बीसीसीआइ ने हस्तक्षेप करते हुए अजहरुद्दीन को बैठक में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी। एचसीए के अनुसार, सदस्यों द्वारा आपके (अजहरुद्दीन के) खिलाफ की गई शिकायतों को देखते हुए इस महीने की 10 तारीख को शीर्ष परिषद की बैठक में यह फैसला किया गया है कि आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए कि आपने नियमों का उल्लंघन किया है। शीर्ष परिषद आपको निलंबित कर रही है और एचसीए की आपकी सदस्यता इन शिकायतों की जांच होने तक रद की जाती है।
शीर्ष परिषद ने अजहरुद्दीन के खिलाफ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए हैं। हितों के टकराव के आरोपों पर नोटिस में कहा गया है कि अजहरुद्दीन ने कभी यह जानकारी नहीं दी कि दुबई में वह टी-10 टीम के मालिक हैं और यह बीसीसीआइ के संविधान का उल्लंघन है कि किसी पदाधिकारी को किसी क्रिकेट इकाई के स्वामित्व की स्वीकृति नहीं है। वह दुबई में नार्दर्न वारियर्स नाम के निजी क्रिकेट क्लब के मार्गदर्शक हैं जो टी-10 क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेता है जिसे बीसीसीआइ से मान्यता हासिल नहीं है। आपने कभी एचसीए को नहीं बताया कि आप क्लब के मार्गदर्शक हैं।
वहीं, अजहरुद्दीन ने इसे उनके विरोधी गुट की बदले की कार्रवाई करार दिया और कहा कि वह वापसी करेंगे। उन्होंने कहा, मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करूंगा। क्रिकेट प्रशासन खतरे में आ गया है क्योंकि मीडिया में गलत चीज प्रकाशित की जा रही हैं। कृपा करके सूचना का सत्यापन करें, दूसरा पक्ष सुनें और फिर एचसीए के संविधान के अनुसार तर्कसंगत रुख अपनाते हुए कुछ प्रकाशित करें क्योंकि आप जो लिखते हैं समाज उस पर भरोसा करता है।'