MS Dhoni Birthday 'कैप्टन कूल' बने पक्के किसान, खुद ट्रैक्टर से करते जुताई, कर रहे जैविक खेती

MS Dhoni Birthdayधौनी आज 39 वर्ष के हो गए अब क्रिकेट के मैदान पर वह नजर आएंगे या नहीं यह तो वही बता सकते हैं लेकिन भविष्य में क्या करेंगे इस राज से थोड़ा पर्दा हट रहा है।

By Viplove KumarEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 12:38 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 12:38 AM (IST)
MS Dhoni Birthday 'कैप्टन कूल' बने पक्के किसान,  खुद ट्रैक्टर से करते जुताई, कर रहे जैविक खेती
MS Dhoni Birthday 'कैप्टन कूल' बने पक्के किसान, खुद ट्रैक्टर से करते जुताई, कर रहे जैविक खेती

संजीव रंजन, रांची। महेंद्र सिंह धौनी एक ऐसा नाम है जिसके बारे में किसी भी चीज का अंदाजा लगाना नामुमकिन जैसा ही है। पलक झपकते गिल्लियां बिखरकर बल्लेबाजों को पवेलियन वापस भेजना हो या फिर दमदार शॉट लगाकर गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाना ये सिर्फ माही ही कर सकते हैं।

कोई नहीं जानता महेंद्र सिंह धौनी कब क्या करेंगे। चाहे ऑन द फील्ड हों या ऑफ द फील्ड। कब टेस्ट मैच खेलना छोड़ना है, कब कप्तानी छोड़नी है सब कयास लगाते रहिये और माही कर गुजरते हैं। महेंद्र सिंह धौनी आज 39 वर्ष के हो गए, अब क्रिकेट के मैदान पर वह नजर आएंगे या नहीं यह तो वही बता सकते हैं लेकिन भविष्य में क्या करेंगे इस राज से थोड़ा पर्दा हट रहा है।

 

जैविक खेती में वे इन दिनों जी-जान से लगे हैं। रांची स्थित सैंबो पंचायत (सिठियो) की 43 एकड़ भूमि पर वे दिन-रात किसान की भूमिका में नजर आते हैं। खुद ट्रैक्टर चलाकर जुताई करते हैं। बीज बोते हैं।

खेती पूरी तरह जैविक है लेकिन आधुनिकता से परिपूर्ण। तकनीकी कौशल के लिए उन्होंने मैत्री फाउंडेशन की एक टीम को भी साथ रखा है। इस टीम के लोग जब खेती की बारीकियां समझाते हैं तो माही उसे इतना तल्लीन होकर सुनते हैं, सवाल करते हैं कि टीम के लोग अचरज में पड़ जाते हैं।

ऊपर टमाटर, नीचे ओल 

टपक सिंचाई, पॉली हाउस का शानदार प्रयोग यहां किया गया है। जमीन के ऊपर टमाटर का पौधा और उसके नीचे ओल की पैदावार हो रही है। कई क्विंटल तरबूज निकले हैं, जिन्हें रांची के बाजार में बेचा जा रहा है। शिमला मिर्च (तीन वेराइटी), स्वीट कार्न, बेबी कार्न तैयार हो चुके हैं या अंतिम चरण में हैं।

कई एकड़ में लगे फूल गोभी, बंदा गोभी, पपीता और खीरा के पौधे देखते ही बनते हैं। सेहत देखकर पता चल जाता है कि इन्हें प्यार से पाला जा रहा है। लॉकडाउन में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब माही ने इन पौधों के साथ वक्त न गुजारा हो।

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