टीम इंडिया के डाइट को लेकर बवाल, 'हलाल' मीट को जरूरी करने पर BCCI निशाने पर, हुआ विवाद
दरअसल टीम इंडिया की जो चार्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसमें हलाल मीट का जिक्र किया गया है। सिर्फ हलाल मीट खिलाड़ियों को दिए जाने के बोर्ड के फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध जताया जा रहा है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचो की टी20 सीरीज के बाद अब टेस्ट मैच खेलने उतरेगी। टीम को आपस में दो मुकाबले खेलने हैं। पहला मैच कानपुर में 25 से 29 नवंबर के बीच होगा। मंगलवार को भारतीय टीम के डाइट चार्ट के सामन आने के बाद विवाद खड़ा हो गया। जो चार्ट सामने आया है उसमें हलाल मीट परोसे जाने की बात कही गई है। इस बात को फैंस नाराज हैं और विरोध जता रहे हैं।
भारतीय टीम के खाने पीने का ध्यान बोर्ड रखती है जिससे खिलाड़ी मैच के लिए पूरी तरह से फिट और चुस्त दुरुस्त रहें। इसके लिए टीम इंडिया के हर खिलाड़ी को एक डाइट चार्ट फोलो करना होता है जो बोर्ड द्वारा ही दिया जाता है। कानपुर टेस्ट से पहले भारतीय टीम को दिए जाने वाले डाइट सामने आऩे से बवाल हो गया। दरअसल जो चार्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसमें हलाल मीट का जिक्र किया गया है। सिर्फ हलाल मीट खिलाड़ियों को दिए जाने के बोर्ड के फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध जताया जा रहा है।
BCCI should immediately withdraw it's illegal decision.#BCCI_Promotes_Halal pic.twitter.com/JlhW3IeVYq
मंगलवार दोपहर भारतीय टीम का डाइट चार्ट सामने आया। इसे खेल को कवर करने वाले पत्रकारों द्वारा साझा किया गया। कानपुर टेस्ट में दिए जाने वाली खाने के प्लान में साफ तौर पर लिखा गया था कि बीफ और पोर्क खिलाड़ियों को नहीं दिया जाएगा और जो मीट होगा वो सिर्फ हलाल ही होना चाहिए।
इस पर भारतीय जनता पार्टी के स्टेट प्रवक्ता गौरव गोयल जो पेशे से वकील हैं। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो बनाकर इस बात पर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, बीसीसीआइ को ऐसा फैसला लेने का कोई हक नहीं है। खिलाड़ी जो चाहे वो खा सकते हैं उनको किसी तरह से बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। वह इस बात का विरोध करते हैं।
क्या होता है 'हलाल' मांस
हिंदू और सिख अमूमन ‘झटका’ वाला मांस जबकि मुस्लिम ‘हलाल’ मांस खाना पसंद करते हैं। हलाल में जानवर के गले की नस को काटकर तब तक छोड़ दिया जाता है जब तक कि उसका पूरा खून नहीं निकल जाए। झटका में जानवर के गर्दन पर तेज धारदार हथियार से वार करके उसे तुरंत मार दिया जाता है।
पूर्व क्रिकेटर ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘जब मैं टीम में था तो मैच के दिनों में कभी ड्रेसिंग रूम में गौमांस या सूअर का मांस नहीं भेजा गया। भारत में तो कम से कम कभी नहीं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि लिखित निर्देश देने के अलावा इसमें कुछ भी नया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले कि कोई इसका कुछ अर्थ लगाये, क्रिकेटरों को कभी गौमांस खाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इसमें बकरे के मांस की तरह काफी मात्रा में वसा होती है। हमें हमेशा कम प्रोटीनयुक्त भोजन करने की सलाह दी जाती रही जैसा कि मुर्गे के मांस या मछली में होता है।’’