IPL में उभरा मोगा का नया किंग हरप्रीत सिंह बराड़, RCB के धुरंधरों को दी मात

IPL 2021 के 26वें मैच में 25 साल के हरप्रीत बराड़ ने बल्ले और गेंद के साथ ऐसा खेल दिखाया कि आरसीबी के एक से एक धुरंधर उनके सामने फेल हो गए। शानदार प्रदर्शन के लिए उनको मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 08:18 PM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 08:18 PM (IST)
IPL में उभरा मोगा का नया किंग हरप्रीत सिंह बराड़, RCB के धुरंधरों को दी मात
हरप्रीत सिंह बराड़ मोगा के रहने वाले हैं

सत्येन ओझा, मोगा। दो आइपीएल मैच खेलने के बाद भी जब कैरियर में आगे बढ़ने का राह नहीं निकल रही थी तो मोगा के गांव हरिएवाला में जन्मे 24 साल के हरप्रीत सिंह बराड़ ने आइलेट्स कर कनाडा उड़ जाने का मन बना लिया, लेकिन भाग्य में कुछ और ही लिखा था। वे कनाडा जा पाते उससे पहले ही आइपीएल में पंजाब किंग्स की टीम ने हरप्रीत सिंह बराड़ को तीसरी बार खेलने के लिए कॉल कर लिया।

बस फिर क्या था, हरप्रीत ने आइपीएल में तीसरी बार पदार्पण करते हुए कुछ ऐसा कर डाला कि जिससे पूरा पंजाब ही नहीं पूरा देश पंजाब के नए 'किंग' की प्रतिभा पर झूम उठा। आइपीएल का पहला विकेट ही दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज एवं रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली को क्लीन बोल्ड कर लिया। फिर क्या था कोहली के विकेट मिलने से उत्साहित हरप्रीत ने ग्लेन मैक्सवेल और एबी डिविलियर्स को आउट कर अपने भविष्य की नई इबारत लिख डाली।

कौन हैं हरप्रीत सिंह बराड़

जिले के बाघापुराना तहसील के गांव हरिएवाला के मूल निवासी हरप्रीत सिंह बराड़ गांव के सामान्य परिवार से हैं। सात साल की उम्र से ही हरप्रीत की क्रिकेट के प्रति दीवानगी थी। अपनी प्राईमरी शिक्षा भी गांव में शुरू की। बाद में पिता मोहिंदर सिंह का सिलेक्शन सेना की इंजीनियरिंग ब्रांच में हो गई, पोस्टिंग भी चंडीगढ़ में मिली तो परिवार करीब 15 साल पहले जीरकपुर में शिफ्ट हो गया।

हालांकि, हरप्रीत सिंह की दादी गुरदयाल कौर व चाचा आज भी गांव में ही रहते हैं, खेती करते हैं। हरप्रीत के सैनिक पिता मोहिंदर सिंह बताते हैं कि 2003 के विश्वकप में खिलाड़ियों को खेलते देख हरप्रीत ने बड़ा क्रिकेटर बनने की ठान ली थी, क्रिकेट तो पहले से ही हरप्रीत खेलता था, लेकिन विश्वकप के बाद एकेडमी ज्वाइन की और मोहाली की तरफ से इंटर डिस्ट्रिक्ट मैच खेलने शुरू कर दिए। परिवार में उनकी मां गुरमीत कौर और एक बहन भी है जोकि अब कनाडा में सेटल हो चुकी है।

क्या किया हरप्रीत ने

आइपीएल में शुक्रवार की रात को पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंसर्ज बैंगलोर के बीच मैच था। हरप्रीत सिंह ने सीजन का पहला मैच खेलते हुए पहले बल्लेबाजी करते हुए 17 गेंद खेलते हुए एक चौका व दो गगनचुंबी छक्के लगाकर 25 रन बनाए। हरप्रीत के कदम यहीं पर नहीं रुके, जब गेंदबाजी संभाली को उनका मनोबल आरसीबी के कप्तान विराट कोहली ने तोड़ दिया, क्योंकि उन्होंने दो बाउंड्री उनके खिलाफ ठोक दीं, लेकिन हरप्रीत हार मानने वालों में से नहीं थे। 

हरप्रीत सिंह ने पहले विराट कोहली को बोल्ड किया और फिर ग्लेन मैक्सवेल को भी अपने जाल में फंसाया, जो कि आरसीबी के मैच विनर खिलाड़ी थे। मैक्सवेल के बाद हरप्रीत सिंह ने एबी डिविलियर्स जैसे धुरंधर को भी आउट कर दिया और आरसीबी के सीजन की छठी जीत के सपने को जमीन पर ला दिया। कोहली व मैक्सवेल को तो हरप्रीत सिंह ने लगातार दो गेंदों पर क्लीन बोल्ड किया। डिविलियर्स को राहुल के हाथों कैच कराया।

निराशा थी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी

हरप्रीत पंजाब के लिए अंडर-23 में भी खेल चुके हैं, लेकिन सीनियर टीम में सलेक्शन नहीं हो पाया। चार बार पंजाब की आइपीएल टीम के लिए ट्रायल दिए, लेकिन हर बार रिजेक्ट कर दिया गया। निराश होकर वे कनाडा जाने की सोचने लगे थे। वे ऐसा कर पाते, उससे पहले ही पंजाब किंग्स ने 20 लाख में हरप्रीत सिंह को खरीदकर एक और मौका दिया। हालांकि हरप्रीत ने 2019 में आइपीएल में डेब्यू किया था। उस समय दो मैच ही खेल सके थे। 2020 में एक ही मैच खेलने का मौका मिल सका। तीसरी बार मौका मिला तो पहले ही मैच में अपनी अलग पहचान बना दी।

मोगा पर किया गर्व महसूस

हरप्रीत के शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें मैन आफ द मैच के लिए एक लाख रुपये का चेक देने बुलाया तो कमेंटेटर ने पूछा वे मोगा से हैं, सोनू सूद के मोगा से हैं, हरमनप्रीत कौर भी मोगा से हैं तो हरप्रीत ने कहा कि हां मैं मोगा से हूं वहां का होने पर उन्हें गर्व है। मोगा का नाम लेते हुए उनके चेहरे पर अजीब सी खुशी थी।

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