फॉर्म वापस पाने के लिए टीम इंडिया के लेग स्पिनर युजवेंद्रा चहल ने इस खिलाड़ी के साथ किया काम
श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के पहले टी-20 में टीम इंडिया के लेग स्पिनर युजवेंद्रा चहल ने शानदार गेंदबाजी की। शनिवार को खेले गए मैच में उन्होंने 4 ओवर में 19 रन दिए और 1 विकेट लिया।
कोलंबो, आइएएनएस। श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के पहले टी-20 में टीम इंडिया के लेग स्पिनर युजवेंद्रा चहल ने शानदार गेंदबाजी की। शनिवार को खेले गए मैच में उन्होंने 4 ओवर में 19 रन दिए और 1 विकेट लिया। अनुभवी स्पिनर हाल के समय कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन वे इस बात से खुश है कि वो बीच के ओवरो में बल्लेबाजों को कंट्रोल करने में सफल रहे हैं, जिसके लिए उन्हें जाना जाता है। साथ ही उन्होंने बताया है कि फॉर्म में वापसी के लिए कोचों और जयंत यादव के साथ काम किया है।
श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के पहले टी-20 के बाद चहल ने कहा कि उनका काम बीच के ओवरों को कंट्रोल करना है और वे बहुत खुश हैं कि उन्होंने ऐसा किया और उन्होंने खुद पर भरोसा जताया। उनके दिमाग में कुछ भी नहीं चल रहा है। बस वे बीच के ओवरों को कंट्रोल करने के लिए खुद पर भरोसा करते हैं। चहल ने कहा कि स्पिन गेंदबाजी में विकल्पों के उभरने से उन्हें कोई चिंता नहीं है। बता दें कि भारत छह स्पिनरों को श्रीलंका ले गया है। उनमें से एक वरुण चक्रवर्ती ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
चहल ने कहा, 'अगर बेंच स्ट्रेंथ इतनी अच्छी है, और आपके पास एक मजबूत खिलाड़ियों की मौजूदगी है, तो टीम में गुणवत्ता आती है। अगर आप स्पिनरों की बात करें , तो वे सभी अच्छा कर रहे हैं और आप जानते हैं कि आपके पीछे ऐसे खिलाड़ी हैं जो पहले से ही आइपीएल और यहां प्रदर्शन करके तैयार हैं। मेरा ध्यान अपने प्रदर्शन पर है। जब भी मैं खेलता हूं, मुझे बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए। यदि आप प्रदर्शन करते हैं, तभी आप खेलते हैं। यदि आप प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो कोई भी हो, आप टीम में नहीं रह सकते हैं। इसलिए मैं ज्यादा प्रतिस्पर्धा के बारे में नहीं सोचता हूं। मेरे दिमाग में जो मेरा लक्ष्य है, मैं उसी पर ध्यान केंद्रित करता हूं।'
लेग स्पिनर का प्रदर्शन लॉकडाउन में गिरा है। हालांकि वह टीम के नियमित सदस्य रहा हैं। अपनी फॉर्म को लेकर उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान मैंने कोचों से बात की। मुझे ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत नहीं थी। मुझे बस लाइन पर ध्यान देना था, चाहे मुझे गेंद वाइडर करनी हो या स्टंप-टू-स्टंप। इसलिए मैं भरत अरुण सर, पारस मम्ब्रे सर के साथ बैठा। फिर मैंने खुद पर भरोसा किया। मैंने जयंत यादव के साथ अभ्यास किया। हम बचपन से एक-दूसरे को जानते हैं, इसलिए मैंने उनसे भी बात की। मैंने उन्हें गेंदबाजी भी की। इसलिए चीजें वहीं से शुरू हुईं। मुझे गेंदबाजी पर जितना भरोसा होगा, मैं उतना ही बेहतर कर पाऊंगा।