सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की तुलना क्यों नहीं होनी चाहिए, पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने बताया

वेंकटेश प्रसाद ने द ग्रेट पॉडकास्ट पर बात करते हुए कहा कि मैं बिल्कुल ईमानदारी से ये बात कह रहा हूं कि दोनों ही लाजवाब बल्लेबाज हैं। सचिन मैदान पर काफी नॉर्मल रहते थे तो वहीं विराट आक्रामक रहते हैं लेकिन विराट ऐसे हैं नहीं।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 07:12 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:12 PM (IST)
सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की तुलना क्यों नहीं होनी चाहिए, पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने बताया
सचिन तेंदुलकर के साथ विराट कोहली (एपी फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली दोनों ही भारतीय क्रिकेट की शान हैं। सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट के लिए जो योगदान दिया वो शायद ही कभी भूला जा सकेगा तो वहीं विराट कोहली मौजूदा दौर के बेहतरीन बल्लेबाज हैं और वो भी टीम को नई बुलंदियों तक पहुंचा रहे हैं। वैसे अक्सर कई मामलों में सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की तुलना की जाती है, लेकिन टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद का मानना है कि, इन दोनों क्रिकेटरों की तुलना नहीं की जानी चाहिए। 

वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि, सचिन और विराट कोहली दोनों ही टीम इंडिया के महान बल्लेबाजों में शुमार हैं। उन्होंने कहा कि, दोनों ही खिलाड़ियों के व्यवहार में काफी अंतर है। एक तरफ सचिन तेंदुलकर जहां मैदान पर अपने इमोशन को बिल्कुल भी जाहिर नहीं करते थे तो वहीं विराट कोहली मैदान पर काफी एग्रेसिव नजर आते हैं। हालांकि दोनों का मकसद एक ही होता है कि, वो हर मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाएं। सचिन भी चाहते थे कि, टीम जीते तो वहीं विराट की भी यही कोशिश रहती है कि टीम को जीत मिले। 

वेंकटेश प्रसाद ने द ग्रेट पॉडकास्ट पर बात करते हुए कहा कि, मैं बिल्कुल ईमानदारी से ये बात कह रहा हूं कि दोनों ही लाजवाब बल्लेबाज हैं। सचिन मैदान पर काफी नॉर्मल रहते थे तो वहीं विराट आक्रामक रहते हैं, लेकिन विराट ऐसे हैं नहीं। मैदान पर उनका बर्ताव ऐसा इस वजह से रहता है क्योंकि वो हर मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाना चाहते हैं। सचिन भी ऐसा ही करते थे और हर मैच में जीत हासिल करना ही उनका भी लक्ष्य होता था। सचिन कभी भी मैदान पर अपना इमोशन जाहिर नहीं करते थे और हमने उन्हें ऐसा करते हुए नहीं देखा था। वो चाहे शतक लगाएं या फिर जीरो पर आउट हो जाएं या फिर उन्हें चोट लग जाए हमने उन्हें कभी अपना इमोशन जाहिर करते हुए नहीं देखा। हालांकि विराट अलग हैं और वो अपने इमोशन को मैदान पर खुलकर जाहिर करते हैं। 

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