भारतीय टीम को उसके घर में हराना क्यों हो बेहद मुश्किल काम, सुनील गावस्कर ने बताया
गावस्कर ने कहा कि हमने न्यूजीलैंड में पुजारा को हुक शाट खेलने की कोशिश करते हुए आउट होते देखा क्योंकि वह अपने खेल पर भरोसा नहीं कर रहे थे और कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे थे। इसे आधुनिक क्रिकेट में जेल से बाहर निकलने वाला शाट कहते हैं।
(सुनील गावस्कर का कालम)
भारत ने दूसरे टेस्ट मैच पर कब्जा जमाते ही सीरीज भी अपने नाम कर ली और ये कोई हैरानी की बात नहीं थी। जैसा कि घर में खेलने वाली अधिकतर टीमों के साथ होता है, भारत को उसके घर में हराना बेहद मुश्किल काम है, खासकर जब पिच से स्पिनरों को मदद मिल रही हो। जैसा कि टूरिज्म में होता है कि जब कोई इंसान खुले दिमाग से किसी देश में घूमने जाता है तो वह न केवल इस यात्रा का लुत्फ उठाता है बल्कि ये अनुभव उसकी सोच के नए आयाम भी खोल देता है। इससे उसे अपने खुद के देश के प्रति भी नया और बेहतर नजरिया मिलता है। ऐसे में जब टीमें भारत में क्रिकेट खेलने आती हैं तो वो जानती हैं कि यहां उनका पाला टेस्ट मैच में पहले दिन स्पिन लेने वाली पिचों से पड़ेगा।
हालांकि अगर कोई बल्लेबाज पहले से तय नजरिये के साथ खेलेगा तो जल्द ही इसका शिकार भी बन जाएगा। अगर रवैया हालात से लड़ने का है तो परिस्थितियों से एडजस्ट कीजिए और धैर्य दिखाइए जो स्पिन खेलने की पहली शर्त भी है। यहां तक कि अगर पिच पर घास है जैसी कि भारत को पिछले साल न्यूजीलैंड में मिली थी, तब भी बल्लेबाजों को अपने खेल पर भरोसा होना चाहिए और मानसिक तौर पर इससे उबरना चाहिए। ऐसा करते हुए कई बार आप बेवकूफ भी नजर आ सकते हैं लेकिन आपको हार नहीं माननी है। अगर आप इस सोच के साथ खेलते हैं कि एक ऐसी गेंद आने वाली है जिस पर अभी न सही देर से ही सही, मेरा नाम लिखा है तो ये नकारात्मक सोच है।
हमने न्यूजीलैंड में पुजारा को हुक शाट खेलने की कोशिश करते हुए आउट होते देखा क्योंकि वह अपने खेल पर भरोसा नहीं कर रहे थे और कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे थे। इसे आधुनिक क्रिकेट में जेल से बाहर निकलने वाला शाट कहा जाता है, लेकिन ऐसा शाट सफल हो भी जाए तब भी कोई जेल से बाहर निकलता नजर आता नहीं है। डेरिल मिशेल और हेनरी निकल्स ने सही जज्बा दिखाया और जब तक मिशेल ने अति उत्साह में हवाई शाट दोहराते हुए कैच नहीं थमाया था, तब तक ये जोड़ी किसी तरह की मुश्किल में नहीं दिखी थी। बेशक खेलते वक्त कुछ गेंदें निकल गईं और फील्डरों की तरफ से उत्साह भी नजर आया लेकिन इसकी उम्मीद थी भी क्योंकि क्रिकेट में आजकल कोई साइलेंस जोन नहीं होता।
भारतीय टीम को अब दक्षिण अफ्रीका जाना है और वहां उसके पास वो इतिहास रचने का सुनहरा मौका है जो कोई भारतीय टीम अंजाम नहीं दे पाई। ये मौका दक्षिण अफ्रीका जमीन पर टेस्ट सीरीज जीतने के बारे में है। टीम इंडिया के अधिकतर खिलाड़ी पहले भी दक्षिण अफ्रीका जा चुके हैं और ये उनके लिए नया इलाका नहीं है। अपने खेल पर भरोसा रखो, खुद पर विश्वास करो, मुश्किल वक्त में धैर्य रखिए और उसके बाद अंतिम चोटी भी फतह हो जाएगी।