वीरेंद्र सहवाग बोले सब बताते थे मेरा क्या खराब है, सही करने कोई नहीं आया, 3 दिग्गजों ने की मदद

सहवाग ने बताया कि आपकी कमियों को बताने वाले तो बहुत सारे लोग होते हैं लेकिन उसको ठीक कैसे करना है इसे बताने वाले बहुत ही कम होते है। उन्होंने उन तीन पूर्व दिग्गजों का नाम बताया जिन्होंने बुरे वक्त में उनकी मदद की थी।

By Viplove KumarEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 07:29 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 10:51 PM (IST)
वीरेंद्र सहवाग बोले सब बताते थे मेरा क्या खराब है, सही करने कोई नहीं आया, 3 दिग्गजों ने की मदद
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के साथ वीरेंद्र सहवाग- फाइल फोटो

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग की बल्लेबाजी से तमाम गेंदबाज डरते थे। इंटरनेशनल क्रिकेट में तूफानी बल्लेबाजी से धमाका मचाने वाले इस धुरंधऱ को भी खराब फॉर्म से गुजरना पड़ा था। सहवाग ने बताया कि आपकी कमियों को बताने वाले तो बहुत सारे लोग होते हैं लेकिन उसको ठीक कैसे करना है इसे बताने वाले बहुत ही कम होते है। उन्होंने उन तीन पूर्व दिग्गजों का नाम बताया जिन्होंने बुरे वक्त में उनकी मदद की थी।

सहवाग ने कहा कि गलती बताने बहुत लोग आए लेकिन मेरी मदद करने कोई नहीं आया, उन्होंने कहा, "हर कोई कहता था मुझे अपनी फुट मुवमेंट को बेहतर करने की जरूरत है लेकिन किसी ने यह नहीं बताया कि कैसे। तब मंसूर अली खान पतौदी, सुनील गावस्कर और कृष्णामचारी श्रीकांत के लेग स्टंप की जगह मिडिल को ऑफ गार्ड लेने की सलाह ने मुझे बहुत मदद की।"

"क्रिकेट को मैदान पर खेला जाता है लेकिन सीखना काफी बहुत पड़ता है। अगर मैं अपना उदाहरण दूं तो मैंने साल 1992 विश्व कप से क्रिकेट देखना शुरू किया। उस समय मैं टीवी पर सचिन तेंदुलकर को देखकर कॉपी किया करता था। वो किस तरह से स्ट्रेट ड्राइव खेलते हैं कैसे बैक फुट पंच लगाते हैं। अगर 1992 में मैं टीवी पर देख सकता सीख सकता था तो क्यों नहीं।"

सहवाग ने कहा अगर आज जैसी सुविधा उनके पास मौजूद होती तो वो काफी पहले भारत की तरफ से खेल जाते, "आज के वक्त में उन सभी के वीडियो मौजूद हैं जिनको हम पसंद करते हैं। एबी डिविलियर्स, ब्रायन लारा, और वीरेंद्र सहवाग और या कोई और भी हो। हमारे वक्त में ऐसे वीडियो नहीं मिला करते थे। अगर हमारे वक्त में ऐसा होता कि अपने फवरेट के वीडियो देख पाता उनसे ऑनलाइन बातें कर पाता तो आसान होता। ऐसा होता तो मैं कहीं और बेहतर सीख पाता और भारत की तरफ से पहले ही खेलने का मौका हासिल कर लेता।"

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