लगता है मेरी दुनिया उजड़ गई, कोरोना के कारण मां और बहन को खोने पर छलका वेदा कृष्णमूर्ति का दर्द

भारतीय महिला क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दो हफ्ते के अंदर उन्होंने अपनी मां और बहन को कोरोना के कारण खो दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि उनके परिवार ने सबकुछ सही किया लेकिन कोरोना ने उनकी मां और बहन की जिंदगी छीन ली।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:31 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:31 AM (IST)
लगता है मेरी दुनिया उजड़ गई, कोरोना के कारण मां और बहन को खोने पर छलका वेदा कृष्णमूर्ति का दर्द
भारतीय महिला क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय महिला क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दो हफ्ते के अंदर उन्होंने अपनी मां और बहन को कोरोना के कारण खो दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि उनके परिवार ने सबकुछ सही किया, लेकिन इसके बाद भी कोरोना ने उनकी मां और बहन की जिंदगी छीन ली। बेंगलुरु के 28 वर्षीय क्रिकेटर ने अपनी बहन और मां को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि दोनों के जाने के बाद लग रहा है कि उनकी दुनिया उजड़ गई। उन्होंने कहा कि यह वायरस बहुत खतरनाक है। मेरे परिवार ने सब कुछ सही किया, लेकिन वायरस ने रास्ता ढूंढ़ लिया। वे उन सभी लोगों के साथ हैं, जो इस समय ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं। सुरक्षित रहें! हिम्मत बनायें रखें।

वेदा की बड़ी बहन वत्सला शिवकुमार का पिछले गुरुवार को निधन हो गया। इससे दो हफ्ते पहले उनकी मां चेलुवंबा देवी ने खतरनाक वायरस के कारण दम तोड़ दिया था। वेदा ने कहा, 'आप दोनों के छोड़ के जाने के बाद लगता है कि मेरी दुनिया उजड़ गई। मुझे नहीं पता हमारा परिवार कैसे एकजुट होगा। बस इतना कह सकती हूं कि मैं आप दोनों से बहुत प्यार करती हूं और आप दोनों को बहुत याद करूंगी।'

अब तक भारत के लिए 48 वनडे और 76 टी-20 मैच खेल चुकीं वेदा ने कहा, 'मेरी खूबसूरत अम्मा और अक्का (हबन)। घर पर पिछले कुछ दिन हम सभी लिए दिल टूटने वाले रहे  हैे। आप दोनों हमारे घर की नींव थे। कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा दिन देखना पड़ेगा। काफी दुख होता है कि तुम दोनों मेरे साथ नहीं हो।'

वेदा ने आगे कहा, 'अम्मा, आपने मझे एक बहादुर बच्चा बनाया है और  किसी भी स्थिति में प्रेक्टिकल रहना सिखाया है। मैं जितने लोगों को जानती हूं उनमें आप सबसे सुंदर, खुशमिजाज, निस्वार्थ व्यक्ति रही हैं। अक्का, मुझे पता है कि मैं तुम्हारी सबसे पसंदीदा इंसान थी। तुम एक फाइटर हो, जिसने मुझे आखिरी मिनट तक हार नहीं मानने के लिए प्रेरित किया। मुझे बहुत बड़ा अहंकार था कि मेरी दो मां हैं, लेकिन लगता है कि अहंकार कभी किसी के लिए अच्छा नहीं होता। पिछले कुछ दिन मैंने आप लोगों के साथ सुकून के साथ बिताए थे। हम सभी खुश थे ... कभी नहीं सोचा था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी।'

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