ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का खुलासा, क्रिकेट से नफरत हो गई थी, रोता रहता था
टिम पेन ने बताया कि 2010 में करियर प्रभावित करने वाली चोट ने उन्हें इतना परेशान कर दिया कि वह क्रिकेट से नफरत करने लगे थे और रोने लगे थे।
मेलबर्न, एपी। इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने जा रहे टिम पेन को अचानक से ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान मिली। बॉल टैंपरिंग विवाद ने जब क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था तब कंगारू टीम की कमान पेन ने ही संभाली थी। स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में गेंद से छोड़छाड़ करने की वजह से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 1-1 साल का प्रतिबंध लगाया था।
ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन ने इस बात का खुलासा किया है कि आखिरकार वो क्यों क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बना रहे थे। उन्होंने बताया कि 2010 में करियर प्रभावित करने वाली चोट ने उन्हें इतना परेशान कर दिया कि वह क्रिकेट से नफरत करने लगे थे और रोने लगे थे।
उन्होंने कहा कि खेल मनोवैज्ञानिक की मदद से उन्हें इससे छुटकारा मिला। दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद स्टीव स्मिथ की जगह टेस्ट टीम के कप्तान बनाए गए पेन को 2010 में यह चोट एक चैरिटी मैच में लगी थी। डिर्क नैनेस की गेंद पर उनके दायें हाथ की अंगुली टूट गई थी।
चोट से उबरने के लिए पेन को सात बार सर्जरी करनी पड़ी, जिसमें उन्हें आठ पिन, धातु की एक प्लेट और कूल्हे की हड्डी के एक टुकड़े का सहारा लेना पड़ा था। इसके कारण वह दो सत्र तक क्रिकेट से दूर रहे।
पेन ने कहा, "यहां से मेरे खेल में गिरावट आने लगी। मैंने बिल्कुल आत्मविश्वास खो दिया था। मैंने इसके बारे में किसी को नहीं बताया। सच्चाई यह है कि मैं चोटिल होने से डर रहा था और मुझे नहीं पता था कि मैं क्या करने जा रहा हूं। मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं ठीक से खा नहीं पा रहा था। मैं खेल से पहले इतना घबरा गया था कि मुझ में कोई ऊर्जा नहीं थी। इसके साथ जीना काफी भयानक था। मैं हमेशा गुस्से में रहता था और उसे दूसरे पर निकालता था।"