IPL 2020 से पहले सुरेश रैना का धमाकेदार इंटरव्यू, बोले- जोश से भरी है हमारी बूढ़ी टीम
IPL 2020 से पहले सुरेश रैना ने अपने पहले इंटरव्यू में जागरण को बताया है कि भले ही सीएसके टीम बूढ़ी है लेकिन टीम में जोश काफी है।
नई दिल्ली, जागरण एक्सक्लूसिव। लॉकडाउन में लंबे समय तक परिवार के बीच रहने के बाद अब क्रिकेटरों को 19 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहे आइपीएल का इंतजार है। कई भारतीय खिलाड़ी व्यक्तिगत तौर पर अभ्यास में जुटे हैं। कुछ दिन बाद टीमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) रवाना होने लगेंगी। चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के अहम खिलाड़ी और आइपीएल में विराट कोहली (5412) के बाद सबसे ज्यादा रन (5368) बनाने वाले सुरेश रैना की नजरें इस आइपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर अगले दो टी-20 विश्व कप खेलने पर है। रैना छह महीनों के अंदर होने वाले दो आइपीएल में दमदार प्रदर्शन करके फिर से नीली जर्सी पहनना चाहते हैं। 226 वनडे, 78 टी-20 और 18 टेस्ट खेलने वाले सुरेश रैना से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश ::
-लॉकडाउन, कोरोना के बीच खास तौर पर बड़े क्रिकेटर बाहर नहीं निकल सके। मानसिक तौर पर आइपीएल कितना चुनौतीपूर्ण होगा?
-बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने कदम बढ़ाए कि आइपीएल होना चाहिए। क्रिकेट शुरू हो रहा है। हम वहां क्रिकेट का लुत्फ लेंगे। सबसे पहले तो हम कोरोना के माहौल से बाहर निकलकर क्रिकेट खेलने जा रहे हैं। हिंदुस्तान के लोगों के चेहरे पर मुस्कान आएगी। अगले छह महीने में दो आइपीएल, अगले दो साल में दो टी-20 विश्व कप और उसके बाद वनडे विश्व कप होना है। तो अब क्रिकेटर व्यस्त हो जाएंगे। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पांच महीने खिलाड़ियों को अपने परिवार के साथ समय बिताने को मिले। मैंने इतना आराम कभी नहीं किया। मैंने उस समय का लुत्फ लिया। हम इस चुनौती को झेल गए। हमें लगभग एक महीना पहले यूएई पहुंचना है। यहां से कोरोना टेस्ट कराकर जाएंगे, वहां भी होंगे। यह सब चुनौती होगी। सबसे अच्छा है कि वहां सितंबर-अक्टूबर में ठंडा मौसम रहता है। तीन स्टेडियम में मैच होने हैं इसलिए ज्यादा यात्रा नहीं करनी होगी।
-पिछले साल मैंने आपसे सवाल पूछा था कि क्या आपकी टीम बूढ़ी है। अब एक साल और बीत गया है। क्या कहेंगे?
- हां, बूढ़ी है लेकिन बहुत अनुभवी है। हमारे पास तीन आइपीएल जीतने का अनुभव है। हम अपने अनुभव और जोश से किसी भी टीम को हरा सकते हैं। 2018-19 में जब हमें डैड आर्मी बोला गया था, तो उस वक्त आइपीएल के दौरान हमारे साथ बच्चे थे। इस बार हमें ज्यादा समय कोच के साथ बिताना होगा। यह आइपीएल बहुत भावुक होगा। पूरे देश ने कोरोना से लड़ाई लड़ी है। डिप्रेशन को लेकर बहुत बात हो रही थी, लोग परेशान थे, लेकिन हम चैंपियन की तरह बाहर आए, क्योंकि हारोगे तो जीतोगे, दोबारा हारोगे तो सीखोगे। हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। ऐसे में यह आइपीएल बड़ा मजेदार होने वाला है।
-पांच महीने परिवार के साथ रहे। आपको अपनी बेटी से बहुत लगाव है। अब यूएई में ये सब साथ नहीं होंगे?
-सारे खिलाड़ियों के लिए यह अहम है। युजवेंद्रा सिंह चहल का अभी रोका हुआ है। मेरा बेटा अभी बहुत छोटा है। मैं उसको लेकर भावुक हूं। ऐसे में उनसे दूर रहकर खेलना बहुत चुनौतीपूर्ण होगा। हो सकता है खिलाड़ी बाद में परिवार वालों को बुला लें, लेकिन शुरुआत में दूर जाना तो बुरा लगेगा। मैं खुशकिस्मत हूं कि पत्नी और बच्चों का ध्यान रखने के लिए परिवार में काफी लोग हैं। खिलाड़ी के तौर पर कहूं तो सुबह और शाम को बच्चे नहीं मिलेंगे, पत्नी नहीं होगी, थोड़ा मुश्किल तो होगा ही लेकिन ऐसे में हमें बाकी खिलाड़ियों के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। युवा खिलाड़ियों के साथ ज्यादा समय बीतेगा। यह एक सकारात्मक पहलू भी है।
-जब भारत में आइपीएल होता है तो सबसे ज्यादा दिक्कत यात्रा की होती है। यूएई में यह समस्या नहीं होगी, क्योंकि तीनों स्टेडियम आस-पास हैं। आपकी टीम के लिए कितना फायदेमंद हेागा?
-सभी टीमों के लिए बहुत मुश्किल होता था। कभी-कभी तो सोते हुए पता ही नहीं होता था कि चेन्नई में हैं ाय दिल्ली में। दुबई में ऐसा नहीं होगा। उनके पास अच्छे संसाधन हैं। खासकर हमारी टीम के लिए बहुत अच्छा होगा क्योंकि हमें खेलने से ज्यादा थकान एक स्थान से दूसरे स्थान जाने पर होती थी। अब ऐसा नहीं होगा और आपको सीएसके और खतरनाक नजर आएगी।
-आपके लिए आखिरी तीन-चार साल बहुत अहम है। क्या रोडमैप बनाया है?
-अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं। मुझे नहीं पता कि मैं टीम इंडिया में खेलूंगा या नहीं, लेकिन मैं इस समय का बहुत लुत्फ ले रहा हूं। प्रक्रिया अच्छी चल रही है। आप मेहनत करोगे तो मौके बनने लगते हैं। छह महीने में दो आइपीएल है। आगे लगातार टी-20 विश्व कप भी हैं। ऐसे में अगर मैंने आइपीएल या उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया तो मुझे लगता है कि मौके बनेंगे। दो-तीन साल जो भी क्रिकेट होगा मैं लुत्फ लेकर खेलना चाहता हूं। मैं अपनी पत्नी प्रियंका का धन्यवाद देना चाहता हूं जिसने हर समय मेरा साथ दिया। मैं पहले बेटी के लिए खेला और अब बेटे के लिए खेलना चाहता हूं।
- अगले दो टी-20 विश्व कप में खुद को टीम में देखना चाहते हैं?
-मुझे लगता है कि मेरे पास यह बड़ा मौका है। मैं मेहनत करूंगा, बाकी तो भगवान के हाथों में है। दम लगा रहा हूं और आगे भी करूंगा। मैं यह नहीं कहना चाहता खुद से कि मेहनत में कमी रह गई। मैं अपनी ओर से पूरी मेहनत करना चाहता हूं और तब उसे परिणाम में बदलना चाहता हूं। आप तकनीक और मानसिक रूप से अच्छे हो तो बस परिणाम लाना है।
-अपनी टीम के बारे में क्या कहेंगे?
-पीयूष चावला के आने से टीम अच्छी हो गई है। सैम कुर्रन, हरभजन सिंह, शेन वॉटसन, महेंद्र सिंह धौनी, रवींद्र जडेजा और मैं हूं। ऐसे में टीम में अनुभव दिखता है। रांची का एक नया लड़का मोनी सिंह है। उसमें भी काफी प्रतिभा है।
-विश्व कप के बाद दुनिया धौनी को खेलते हुए देखने को बेताब है?
-कोरोना के पहले चेन्नई में सीएसके का कैंप लगा था जिसमें चार-चार घंटे बल्लेबाजी कर रहे थे। धौनी क्रिकेट का लुत्फ ले रहे हैं। वह इतने साल खेले हैं, इतने मैच जिताए हैं, तो मुझे लगता है कि वह क्रिकेट का अभी भी लुत्फ लेना चाहते हैं। वह पेशेवर हैं और क्रिकेट को प्यार करते हैं। मैं तो यही कहूंगा कि कैंप के दौरान उनके शॉट में काफी बदलाव था। वह काफी अच्छा कर रहा था। सारे देश की दुआएं उनके साथ हैं।
- आइपीएल की सबसे खास टीम सीएसके है। आप शुरू से उसके साथ हैं। बाकी टीमों और सीएसके में क्या अंतर है?
- बहुत अंतर है। थाला, चिन्ना थाला बोलते हैं सब। कोच स्टीफन फ्लेमिंग टीम की जान हैं। हमारा घरेलू क्रिकेटरों का ग्रुप बहुत अच्छा है। टीम प्रबंधन को इसका श्रेय जाता है। धौनी हमारी सुनते हैं वह हमें अपना काम करने देते हैं। धौनी मैदान में पहुंचते ही बोलते हैं स्विच ऑन, यानि गेम इज ऑन, वह आर्मी के अधिकारी भी हैं। आर्मी का अधिकारी जब बॉर्डर पर जाता है तो बाकी सेना को उसकी बात सुननी होती है। ऐसा ही हमारे साथ है। अगर वह बोलता है कि यहां खड़े होना है, तो होते हैं। शुरू से अभी तक सीएसके का कोर ग्रुप लगभग वही है। हम एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं। हमारे रिकॉर्ड अच्छे हैं। यही हमारी टीम की खासियत है। यह हमने अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों से सीखा है, चाहे मैथ्यू हेडन हों, बालाजी हों या फ्लेमिंग हों। यहां खिलाड़ियों का सम्मान है, सभी पेशेवर हैं। चेन्नई में मुझे कभी नहीं लगा कि मैं आइपीएल टीम में हूं, सभी कुछ भारतीय टीम जैसा है। जहां आप अच्छा प्रदर्शन करो, तो आपके लिए आगे के रास्ते खुल जाएंगे। यह सब 12 साल की मेहनत से बना है।