सुनील गावस्कर ने बताया, कैसे मेंटर धौनी की मौजूदगी ने परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं
ICC T20 World Cup 2021 के लिए टीम इंडिया के मेंटर एमएस धौनी हैं और उनकी मौजूदगी के परिणाम नजर आने लगे हैं। इस बात को पूर्व कप्तान और मौजूदा क्रिकेट एक्सपर्ट सुनील गावस्कर ने महसूस किया है।
सुनील गावस्कर का कालम। उपमहाद्वीप में इस खेल के अधिकतर प्रशंसकों के लिए सिर्फ भारत-पाकिस्तान का मुकाबला ही मायने रखता है। शुक्र है कि सभी के साथ ऐसा नहीं है। इन ज्यादातर लोगों के लिए ये फाइनल से पहले का फाइनल है, जब तक कि टीम खिताबी मुकाबले में फिर से आमने-सामने न हो। आंकड़े दोनों टीमों के समर्थकों के आसपास होते हैं जो बताते हैं कि मैच में उतरने से पहले उनकी टीमों के पास लाभ की स्थिति है। अगर उनकी आवाज खिलाड़ियों तक पहुंच सकती तो वो उनसे ये अपील करते कि कुछ भी करो, लेकिन ये मुकाबला हारना नहीं है।
पाकिस्तानी क्रिकेटरों का तो पता नहीं, लेकिन कई सालों से भारतीय खिलाड़ी आमतौर पर बाहर की आवाजों से ध्यान बंटाने के लिए अपना पसंदीदा म्यूजिक सुनते हैं। अगर इसे दूसरी तरह से देखें तो पाकिस्तान पर भारत को हराने का दबाव काफी ज्यादा होगा। भारतीय टीम काफी पहले ही इस मानसिकता से निकल चुकी है कि उसे पाकिस्तान के खिलाफ कुछ साबित करना है, बल्कि टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ दूसरी टीमों की ही तरह अच्छा प्रदर्शन करती है।
भारतीय खिलाड़ी वास्तव में आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतर करने की सोच लेकर उतरना चाहते हैं, क्योंकि ये वो टीम है जिसे हर कोई हराना चाहता है। भारत भी उनमें से एक है। दोनों टीमों के प्रशंसकों के लिए ये एक ऐसा मैच है जिसे लेकर खिलाड़ियों से ज्यादा वो खुद तनाव में होंगे। वार्मअप मुकाबलों में इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ आसान जीत से टीम इंडिया का आत्मविश्वास बढ़ा होगा।
बतौर मेंटर धौनी की मौजूदगी ने पहले ही परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं। जिस तरह टीम इंडिया ने काफी गेंद बाकी रहते हुए मुश्किल लक्ष्य का आसानी से पीछा किया, उससे ये बात आसानी से समझी जा सकती है। एक एरिया जिसे लेकर थिंक टैंक सोच विचार कर रहा होगा, वो है छठे गेंदबाज का सवाल। हर कप्तान को ऐसा बल्लेबाज पसंद आता है तो अपनी गेंदबाजी से योगदान देने में सक्षम हो ताकि अगर किसी गेंदबाज का खराब दिन हो तो वो उसकी भरपाई कर सके। हार्दिक पांड्या ने भले ही वार्मअप मुकाबलों में गेंदबाजी न की हो, लेकिन वह टीम इंडिया के छठे गेंदबाज हो सकते हैं। साथ ही धौनी जिस भी नंबर पर कप्तान और कोच से उन्हें भेजने के लिए कहेंगे तो वह पैड करके तैयार रहेंगे।
पाकिस्तान के पास यहां खेलने का अच्छा खासा अनुभव है। ऐसे में उन्हें पता होगा कि यहां की पिचें किस तरह का व्यवहार करेंगी। पाकिस्तान की बल्लेबाजी कप्तान बाबर आजम, मुहम्मद रिजवान, शोएब मलिक और मुहम्मद हफीज पर काफी हद तक निर्भर है। ऐसे में जबकि पाकिस्तान की ताकत उसकी गेंदबाजी है तो टीम लक्ष्य का बचाव करना पसंद करेगी फिर चाहे वो छोटा ही स्कोर क्यों न हो। इस खेल का जो भी नतीजा हो, एक बात तो तय है और वो ये कि सोमवार को सूरज एक बार फिर निकलेगा।