सचिन तेंदुलकर ने अपने गुरू आचरेकर को किया याद, शेयर की ये दशकों पुरानी फोटो

भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान हैं लेकिन सचिन के लिए उनके भगवान उनके गुरू रमाकांत आचरेकर हैं जिनकी जयंती से पहले मास्टर ब्लास्टर ने अपनी एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए अपने गुरू को याद किया है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 12:57 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 12:57 PM (IST)
सचिन तेंदुलकर ने अपने गुरू आचरेकर को किया याद, शेयर की ये दशकों पुरानी फोटो
सचिन तेंदुलकर (फोटो सचिन तेंदुलकर की बायोपिक का पोस्टर)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट के गुरू रमाकांत आचरेकर को याद किया है। रमाकांत आचरेकर ही थे, जिन्होंने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के भगवान बनने में मदद की।कोच आचरेकर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी जयंती से पहले सचिन तेंदुलकर ने अपनी एक पुरानी तस्वीर शेयर की है, जिसमें रमाकांत आचरेकर उनको बल्लेबाजी के गुण सिखा रहे हैं।

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा, "उन्होंने हमें न केवल क्रिकेट सिखाया, बल्कि हमारे अंदर यह विश्वास भी जगाया कि एक दिन हम भारत के लिए खेलेंगे अगर हम सच्चाई और ईमानदारी से खेलेंगे। इस तरह के उपहार के लिए आप कभी भी किसी को पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकते। काश आप यहां हमारे साथ होते, आचरेकर सर। हमेशा हमारे दिल में।"

He not only taught us cricket, but instilled the belief in us that one day we'll play for India if we played with sincerity and honesty.

You can't ever thank someone enough for a gift like this. Wish you were here with us, Achrekar Sir.

Always in our hearts. pic.twitter.com/OSobeCKAdj— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) December 3, 2021

बता दें कि क्रिकेट की दुनिया जिस तरह सचिन तेंदुलकर को भगवान मानती है, उसी तरह सचिन तेंदुलकर रमाकांत आचरेकर को अपना सब कुछ मानते हैं। 5 दिसंबर 1932 को जन्में रमाकांत आचरेकर का निधन 2 जनवरी 2019 को मुंबई में हुआ था। 2010 में रमाकांत आचरेकर को पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया था। वे मुंबई क्रिकेट संघ के मुख्य चयनकर्ता के तौर पर भी काम कर चुके थे।

रमाकांत आचरेकर ने दादर और मुंबई के शिवाजी पार्क में सैकड़ों युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित किया था। 1990 में ही उन्हें क्रिकेट कोचिंग के लिए अपनी सेवाओं के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उससे ठीक पहले सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। उनके ऊपर एक किताब भी लिखी गई है, जिसका नाम मास्टर ब्लास्टर के मास्टर है।

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