'अगर T20 वर्ल्ड कप की जगह IPL होता है तो सवाल उठाए जाएंगे', पाकिस्तानी दिग्गज का बयान

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक का कहना है कि अगर टी 20 वर्ल्ड को स्थगित कर दिया जाता है लेकिन आईपीएल होता है तो सवाल उठाए जाएंगे।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 02:33 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 02:33 PM (IST)
'अगर T20 वर्ल्ड कप की जगह IPL होता है तो सवाल उठाए जाएंगे', पाकिस्तानी दिग्गज का बयान
'अगर T20 वर्ल्ड कप की जगह IPL होता है तो सवाल उठाए जाएंगे', पाकिस्तानी दिग्गज का बयान

कराची, पीटीआइ। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी इस साल होने वाले टी20 विश्व कप के भविष्य का फैसला कर सकती है। कोरोना वायरस महामारी के बीच ऐसे माना जा रहा है कि इस विंडो में इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल का आयोजन हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक को ये पसंद नहीं है। उनका कहना है कि अगर टी20 वर्ल्ड कप स्थगित किया जाता है, लेकिन आइपीएल होता है तो फिर सवाल उठाए जाएंगे।

आइसीसी को अभी ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के भाग्य का फैसला करना है, जो 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होने वाला है। टी20 वर्ल्ड कप और आइपीएल को लेकर अपने यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता इंजमाम ने कहा है, "ऐसी अफवाहें हैं कि विश्व कप इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) और ऑस्ट्रेलिया-भारत सीरीज से टकरा रहा था, इसलिए, यह (टी20 विश्व कप) नहीं होगा।"

इस पाकिस्तानी दिग्गज ने आगे कहा है, "भारतीय क्रिकेट बोर्ड मजबूत है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) में उसका नियंत्रण है। यदि ऑस्ट्रेलिया कहता है कि हम COVID-19 महामारी के कारण विश्व कप आयोजित नहीं कर सकते हैं, तो उनका रुख आसानी से स्वीकार कर लिया जाएगा, लेकिन यदि उसी समय के दौरान इस तरह का कोई इवेंट होता है, तो सवाल उठाए जाएंगे।" पाकिस्तान टीम के पूर्व कोच ने ये भी स्वीकार किया है कि इतने देशों की मेजबानी करना आसान काम नहीं है। 

50 वर्षीय पूर्व बल्लेबाज, जिन्होंने पाकिस्तान के लिए 120 टेस्ट में 8830 रन बनाए हैं और 378 एकदिवसीय मैचों में 11739 रन बनाए हैं, उन्होंने आगे कहा है, "लोग सोचेंगे, अगर कोई देश 12 से 14 टीमों (16 टीमों) की मेजबानी कर सकता है, तो क्यों? आइसीसी टीमों की देखरेख नहीं कर सकती थी, आखिर ऑस्ट्रेलिया इतना उन्नत देश है। एक और बात यह है कि आइसीसी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर निजी लीग (आइपीएल) को प्राथमिकता देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इससे युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मैचों के अलावा निजी लीगों के लिए मजबूर होना पड़ेगा।"

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