भारत-पाक क्रिकेट टीमों के बीच पहले भी तन चुकी हैं भौहें, जानिए तब क्‍या हुआ

Pulwama Terror Attack के बाद विश्व कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब तनाव का असर क्रिकेट पर पड़ा हो।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 01:02 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 01:58 PM (IST)
भारत-पाक क्रिकेट टीमों के बीच पहले भी तन चुकी हैं भौहें, जानिए तब क्‍या हुआ
भारत-पाक क्रिकेट टीमों के बीच पहले भी तन चुकी हैं भौहें, जानिए तब क्‍या हुआ

नई दिल्ली, जेएनएन। पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद पूरा देश आक्रोशित है। इसके बाद विश्व कप (icc world cup 2019) में  भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले हाई-वोल्टेज मैच पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यह मुकाबला 16 जून को होना है। हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है, जब भारत-पाक के संबंधों में खटास आई हो और इसका असर क्रिकेट पर पड़ा हो। 

कारगिल और वर्ल्ड कप

साल 1999 में क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन मई से जून के बीच किया गया था। यही समय करगिल युद्ध का भी था। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ चुका था। सीमा पर जहां दोनों मुल्कों की फौज एक-दूसरे पर गोली बरसा रही थी तो वहीं मैदान पर भारत-पाक क्रिकेट टीमों के बीच वर्ल्ड कप मैच खेला गया था। उस वक्त किसी ने इस मैच का विरोध नहीं किया, हालांकि ग्रुप स्टेज तक भारत-पाक की भिड़ंत नहीं हुई थी, मगर सुपर सिक्स में आने के बाद 8 जून 1999 को भारत-पाक क्रिकेट टीमें एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरीं। उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे। 

एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप का बहिष्कार


दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस जहाज के अपहरण के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच खेल संबंधों में दरार आ गया था। भारत ने पाकिस्तान का दौरा रद कर दिया था। दूसरी एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप शुरू होने से ठीक एक सप्ताह पहले बीसीसीआइ ने नाम भी वापस ले लिया। तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके मंत्रियों ने बीसीसीआइ के साथ बैठक की और पाकिस्तान से क्रिकेट संबंधों को तोड़ने का फैसला लिया गया। इस दौरान कहा गया कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध राजनीतिक संबंधों के सामान्य होने के बाद फिर से शुरू होंगे।

2003 वर्ल्‍डकप के दौरान नरमी आई

दक्षिण अफ़्रीका में हुए 2003 वर्ल्‍ड-कप के दौरान दोनों टीमों के बीच मैच हुआ। भारत इसे जीतने में सफल रहा और दोनों देशों के संबंधों के बीच थोड़ी नरमी आई। इसके बाद 2004 में वाजपेयी सार्क सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान गए, जो लंबे समय के बाद दोनों देशों को एक साथ लाने में बहुत सफल रहे। नए जमाने की दोस्ती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने पाकिस्तान दौरे के लिए भारत टीम को हरी झंडी दी। 

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट का सुनहरा दौर


2004 में भारतीय टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया और वे जहां भी खेलने गए उन्हें भारी समर्थन मिला। यह दोनों देशों के लिए एक नया अनुभव था। अगले तीन वर्षों में दोनों देशों ने तीन बार एक-दूसरे के साथ मैच खेले,  2006 के दौरान पाकिस्तान में एक बार और भारत में दो बार 2005 और 2007 के दौरान। पाकिस्तानी दर्शकों को मैच देखने के लिए भारत आने पर वही हार्दिक स्वागत किया गया। 2004-2008 के वर्षों में 26/11 के हमलों से पहले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट लिए एक सुनहरा दौर था।

26/11 के हमलों के बाद फिर तनाव

मुंबई में भारत के 26/11 के हमलों के बाद, फरवरी 2009 में पाकिस्तान में एक प्रस्तावित सीरीज को रद कर दिया गया। तब से भारत की क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। पाकिस्तानी खिलाड़ियों को बीसीसीआइ द्वारा आयोजित इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलने से भी रोक दिया गया है। 

विश्व कप 2011 सेमीफाइनल

भारत और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष, यूसुफ रजा गिलानी ने विश्व कप 2011 के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच एक दूसरे से मुलाकात की, तब क्रिकेट कूटनीति फिर से सामने आई। गिलानी ने सिंह को पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया। शांति वार्ता फिर से शुरू हुई और पाकिस्तान ने दिसंबर 2012 में एक टी-20 और तीन वनडे मैचों के लिए भारत का दौरा किया।

इसके बाद उरी और पठानकोट जैसे आतंकी हमले हुए और 2013 से भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रहे हैं। हालांकि, वे तटस्थ मैदानों पर अन्य टूर्नामेंटों में जैसे क्रिकेट विश्व कप 2015, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी और 2018 एशिया कप में एक-दूसरे के आमने सामने हो चुके हैं।

chat bot
आपका साथी