हैंगिंग बॉल से प्रैक्टिस कर शेफाली बनीं ताबड़तोड़ बल्लेबाज, ज्यादा से ज्यादा रन बनाना है लक्ष्य
संजीव ने कहा कि टी-20 सीरीज में बेटी उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर रही है।
रोहतक, रतन चंदेल। अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट की नई सनसनी बनकर उभरीं रोहतक की शेफाली वर्मा ने यहां पहुंचने के लिए वर्षों तक कड़ा अभ्यास किया है। वे घर पर हैंगिग बॉल से (रस्सी के सहारे बॉल से लटकाकर) भी लंबे समय तक अभ्यास करती थीं। जुनून की हद तक क्रिकेट के प्रति उनके समर्पण भाव का ही परिणाम है कि वे महज पांच साल की कड़ी मेहनत से आज भारतीय टीम की सलामी बल्लेबाज बन गई हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के चलते मैदान पर गेंदबाजों के पसीने छूटते हैं। वर्तमान में वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के पहले दो मैचों में उन्होंने उम्दा प्रदर्शन कर रिकॉर्ड तक बनाए हैं। 15 वर्षीय शेफाली के जबरदस्त फॉर्म में होने से अब 14 नवंबर को होने वाले तीसरे टी-20 मैच में भी परिजनों को उनसे शानदार बल्लेबाजी की उम्मीद है।
घनीपुरा निवासी शेफाली के पिता संजीव वर्मा के अनुसार मंगलवार शाम को बेटी से बात हुई तो वह काफी उत्साहित लगी। पिता ने कहा कि अपने खेल का अच्छा प्रदर्शन कर टीम इंडिया को जीत दिलाने का हर संभव प्रयास करना। जिस पर शेफाली ने भी बढि़या खेलने का वादा पिता से किया। संजीव ने कहा कि टी-20 सीरीज में बेटी उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर रही है। तीसरे मैच में भी अच्छा स्कोर करने की उम्मीद है।
पांच साल पहले जब बेटी ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो उनकी प्रतिभा देखा वे खुद दंग रह गए थे। जिसके बाद उन्होंने न केवल गली में उनको क्रिकेट का अभ्यास कराया बल्कि बाद में रामनारायण क्रिकेट अकादमी में बेटी का दाखिला भी कराया। इतना ही नहीं शेफाली के लिए क्रिकेट जुनून है। बॉल पर एकाग्रता बढ़ाने के लिए वे घर पर भी हैंगिग बॉल से रोजाना करीब डेढ़ घंटे तक अभ्यास करती थी।
एचसीए का मिला सही मार्गदर्शन
संजीव का कहना है कि बेटी के कड़े अभ्यास और हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) पदाधिकारियों के सही मार्गदर्शन से शेफाली अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रहे टी-20 के अब तक हुए दोनों मैचों में तेजी से अर्धशतक जड़कर उन्होंने सभी का ध्यान खींचा है। बता दें कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे युवा खिलाड़ी ने पांच साल पहले ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था। तभी से उनका सपना टीम इंडिया की ओर खेलने का था। वे क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को आदर्श मानते हुए आगे बढ़ती जा रही हैं।