Dhoni के उदास चेहरे ने मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच जीतने के लिए प्रेरित किया- रैना

सुरेश रैना ने बताया कि जब उन्होंने Dhoni का उदास चेहरा देखा तो निश्चय किया कि हर हाल में मैच जीतना है। युवी और रैना ने मैच में भारत को 5 विकेट से जीत दिलाई और टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची जहां उसका मुकाबला पाकिस्तान से हुआ था।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 12:18 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 12:18 PM (IST)
Dhoni के उदास चेहरे ने मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच जीतने के लिए प्रेरित किया- रैना
बल्लेबाजी के दौरान दर्शकों का अभिवादन स्वीकारते सुरेश रैना। फाइल फोटो

नई दिल्ली, जेएनएन। सुरेश रैना ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप के क्वार्टर-फाइनल मैच में मोहाली स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ 34 रन की पारी खेली थी, लेकिन उनकी ये छोटी सी पारी भारत के लिए काफी अहम साबित हुई थी। उन्होंने युवराज सिंह के साथ 74 रन की साझेदारी की थी और युवी ने 57 गेंदों पर 65 रन बनाए थे। युवी और रैना ने उस मैच में भारत को 5 विकेट से जीत दिलाई थी और फिर टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची थी जहां उसका मुकाबला पाकिस्तान के साथ हुआ था। अब रैना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए उस मैच को याद करते हुए कहा कि वो एम एस धौनी ही थे जिन्होंने मुझे जीत के लिए प्रेरित किया था।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस मैच में जब सुरेश रैना बल्लेबाजी के लिए उतरे तब धौनी तेज गेंदबाज ब्रेट ली की गेंद पर 7 रन बनाकर आउट हो गए थे। उस वक्त भारत को जीत के लिए 75 गेंदों पर 74 रन बनाने थे। जब रैना बल्लेबाजी के लिए मैदान पर जा रहे थे तब धौनी आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे। धौनी के लौटते वक्त रैना ने धौनी का उदास चेहरा देखा और उसी वाकये ने रैना को वो मैच जीतने के लिए प्रेरित किया। वही उन्होंने उस मैच में सचिन द्वारा बनाए गए हाफ सेंचुरी की भी तारीफ की।

सुरेश रैना ने कहा कि पवेलियन में वीरेंद्र सहवाग मेरे हादिने तरफ जबकि सचिन मेरी बाईं तरफ बैठे हुए थे। तभी सचिन ने मुझसे कहा कि तुम भारत के लिए आज ये मैच जीतोगे। सचिन ने मुझे तीन बार छुआ और फिर उन्होंने साईं बाबा का ब्रेसलेट पहना और उस आशीर्वाद की वजह से मुझे महसूस हुआ कि ये मेरा दिन है कि मैं भारत के लिए मैच जीतूं। रैना ने आकाश चोपड़ा के साथ बात करते हुए ये बातें कहीं।

रैना ने कहा कि जब मैं मैदान पर जा रहा था तब मैंने पवेलियन लौटते हुए धौनी का उदास चेहरा देखा। उसी पल मैंने फैसला किया कि मैं इस मौके को नहीं मिस करूंगा और किसी भी कीमत पर मैच जीतकर रहूंगा। उसी वक्त ऑस्ट्रेलिया ने ऑफ स्पिनर को अटैक से हटा लिया और वही हमारे लिए एकमात्र खतरा थे। जब मैंने ब्रेट ली की गेंद पर एक छक्का लगाया तब मैं श्योर हो गया कि हम मैच जीतेंगे।

उस मैच में रैना, युवराज और सचिन के अलावा गौतम गंभीर का भी अच्छा योगदान रहा जिन्होंने 64 गेंदों पर 50 रन की पारी खेली थी। भारत ने मैच में जीत दर्ज की और पोंटिंग द्वारा 118 गेंदों पर खेली गई 104 रन की पारी पर पानी फेर दिया।

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