शिवम मावी को अपनी ही टीम के तूफानी बल्लेबाज का डर, कहा- अच्छा है किसी दूसरी टीम में नहीं

मावी ने कहा उनकी गेंद तक पहुंचने की कला बेहतरीन है। वह आसानी से गेंद तक पहुंच जाते हैं। वह छक्के ही मारते हैं सीधा। अच्छा है मैच में उनके खिलाफ गेंदबाजी नहीं करनी पड़ती है।

By Viplove KumarEdited By: Publish:Sat, 15 Aug 2020 01:40 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 01:40 PM (IST)
शिवम मावी को अपनी ही टीम के तूफानी बल्लेबाज का डर, कहा- अच्छा है किसी दूसरी टीम में नहीं
शिवम मावी को अपनी ही टीम के तूफानी बल्लेबाज का डर, कहा- अच्छा है किसी दूसरी टीम में नहीं

अभिषषेक त्रिपाठी। 2019 में चोटिल होने के कारण शिवम नहीं खेल पाए, लेकिन अब यह युवा तेज गेंदबाज 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शुरू होने वाले आइपीएल में अपनी टीम कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के लिए चमक बिखरने को तैयार है।

उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले शिवम मावी से अभिषषेक त्रिपाठी ने खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश

कैसी तैयारियों चल रही हैं, इतने महीनों से क्रिकेट नहीं हुआ। मानसिक रूप से कैसा महसूस कर रहे हैं?

लॉकडाउन में शुरुआत में तो दिक्कत हो रही थी, लेकिन बाद में मैंने सोचा कि कैसे इस समय का इस्तेमाल कर

सकता हूं। तब मैं चोटिल था, एनसीए जाकर चोट से उबरा। घर पर ही मैंने फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया। डिप्रेशन ना हो इसके लिए खुद को व्यस्त रख रहा था। बड़े खिलाड़ियों की किताब प़ढ़ रहा था। नई चीज कर रहा था। अब जब अनलॉक होने के बाद अभ्यास पर आया, तो रनिंग शुरू की और गेंद डाली। अब मैं पूरी तरह से तैयार हूं।

सुरेश रैना के साथ अभ्यास से क्या फायदा मिला?

हम जब बड़े खिलाड़ियों को गेंद फेंकते हैं, तो काफी सीखने को मिलता है। रैना भइया को तो मैं अंडर--14 से ही गेंदबाजी कर रहा हूं। मैं उनसे पूछता हूं कि ऐसी गेंद डालूं तो आप कहां मार सकते हैं? इससे मदद मिलती है। उनसे पूछता हूं कि आपका साथी खेल रहा हो तो उसको मार पाएगा या नहीं।

बिना दर्शकों के खेलना जूनियर खिलाड़ियों को आराम देता है क्या?

आइपीएल में दबाव तो होता ही है। मेरा मंत्र है कि घबराना नहीं है लेकिन दबाव में रहना पसंद है। इस बार मैदान में दर्शक रहेंगे या नहीं यह पता नहीं। अगर दर्शकों के बीच भी मैच होगा तो उसका मुझ पर दबाव नहीं होगा। हां,

खाली स्टेडियम में मैच होने से मेरा फोकस अधिक हो जाएगा।

भारतीय युवा खिलाड़ियों के लिए आइपीएल कितना अहम है?

आइपीएल से मुझे ही नहीं सभी युवा क्रिकेटरों को फायदा पहुंचा है। यहां आपको पता चलता है कि कैसे करियर आगे ब़़ढाना है। न्यूट्रिशियन, ट्रेनिंग का पता चलता है। यहां से आप लाइमलाइट में आ सकते हैं और बहुत आगे जा सकते हैं।

केकेआर में स्टार खिलाड़ियों की भरमार है। कभी डर लगा क्या?

जब मैं पहली बार केकेआर में गया था तो दबाव में था। बाद में पता चला कि वहां सभी सहायता करते हैं। सभी ने मेरी गेंदबाजी को समझा। मैंने दिनेश कार्तिक भाई से बात की। मैंने उनसे कहा कि मुझे फ्री होकर गेंद डालने दो, अगर मुझे कोई सहायता की जरूरत होगी तो मैं ले लूंगा। उन्होंने हमेशा मेरी मदद की।

आपकी टीम में आंद्रे रसेल हैं। वह हर गेंदबाज को मारते हैं। आप खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि वह आपकी विरोधी टीम में नहीं हैं?

सच में अच्छा है। उनकी गेंद तक पहुंचने की कला बेहतरीन है। वह आसानी से गेंद तक पहुंच जाते हैं। यह सिर्फ उनके लंबे कद के कारण नहीं है, उनमें और भी खूबियां हैं। वह छक्के ही मारते हैं सीधा। अच्छा है मैच में उनके खिलाफ गेंदबाजी नहीं करनी प़़डती है। हालांकि जब टीम का अभ्यास होता है तो नेट पर मैं चाहता हूं कि वह मेरी गेंद पर शॉट नहीं खेलें। नेट पर मैं ज्यादातर रसेल को गेंद डालता हूं। कोशिश करता हूं कि वाइड यॉर्कर या पैर पर गेंद रखूं।

गेंदबाजी में क्या नयापन लेकर आइपीएल जाएंगे?

अंडर--19 क्रिकेट से आइपीएल में आया। तब मुझे मात्र ऑफ कटर फेंकनी आती थी। अब नक्कल गेंद डालना सीखी है। अगर मैं खुद को अपडेट नहीं रहूंगा तो मुझे विकेट नहीं मिलेंगे। मैं चाहता हूं कि मेरा प्रदर्शन लगातार सुधरे।

यूएई की पिच तेज गेंदबाजों को उतनी मदद नहीं करती हैं। क्या वहां के लिए कोई अलग से तैयारी कर रहे हैं?

मैच में एक गेंदबाज के लिए चार ओवर बहुत अहम होते हैं। वहां पहुंचकर परिस्थितियां देखनी पड़ेगी। हो सकता है कि वहां पहले ही ओवर से विविधता की जरूरत पड़े। मैंने रैना भइया से पूछा है, वहां थोड़ा धीमा विकेट रहता है। ऐसी स्थिति में आपको दिमाग से ज्यादा गेंदबाजी करनी होगी। गेंदबाजी में विविधता लाने से आप कम रन देते हो।

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