Ind vs Aus: रिटायर होने से पहले बेंच गर्म करने का विश्व रिकॉर्ड बनाएगा ये भारतीय बल्लेबाज, डोडा का तंज

India vs Australia पूर्व भारतीय क्रिकेटर डोडा गणेश ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा अगर आप इस बल्लेबाज को मौका नहीं दे सकते तो फिर उसके क्या बेंच को गरम करने के लिए रखा है।

By Viplove KumarEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 01:13 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 01:13 PM (IST)
Ind vs Aus: रिटायर होने से पहले बेंच गर्म करने का विश्व रिकॉर्ड बनाएगा ये भारतीय बल्लेबाज, डोडा का तंज
भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज मनीष पांडे -फाइल फोटो

नई दिल्ली, जेएनएन। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही तीन मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में भारतीय टीम में चार बदलाव किए गए। एक साथ इतने साले बदलाव करने के बाद भी बल्लेबाज मनीष पांडे को मैच खेलने का मौका नहीं मिला। पूर्व भारतीय क्रिकेटर डोडा गणेश ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा अगर आप इस बल्लेबाज को मौका नहीं दे सकते तो फिर उसके क्या बेंच को गरम करने के लिए रखा है।

बुधवार 2 दिसंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा वनडे मैच खेला गया जिसका सीरीज के नतीजे पर कोई असर नहीं पड़ने वाला था। पहला दो वनडे जीतकर ऑस्ट्रेलिया सीरीज को पहले ही अपने नाम कर चुका है। औपचारिकता के तौर पर देखे जा रहे इस मुकाबले में भी मनीष पांडे को मौका नहीं दिए जाने पर पूर्व क्रिकेटर डोडा गणेश ने नाराजगी जताई। उन्होंने दो लगातार ट्वीट करते हुए भड़ास निकाली और कहा कि जब खिलाड़ी पर भरोसा नहीं तो टीम में क्यों चुनते हैं।

By the time Manish Pandey retires from international cricket he would’ve set a world record for warming the benches for most number of matches #DoddaMathu #AUSvIND

— ದೊಡ್ಡ ಗಣೇಶ್ | Dodda Ganesh (@doddaganesha) December 2, 2020

पहले ट्वीट में गणेश ने लिखा कि जब मनीष पांडे रिटायर होंगे तो उनके नाम सबसे ज्यादा बार बेंच पर बैठकर इसे गरम करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके होंगे।

If you can’t give a game to Manish even in a dead rubber why have him in the fifteen, in the first place ? He’s played only 3 games in the last 2 years #DoddaMathu #AUSvIND— ದೊಡ್ಡ ಗಣೇಶ್ | Dodda Ganesh (@doddaganesha) December 2, 2020

इस ट्वीट के कुछ मिनट बाद ही उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, अगर आप एक ऐसे मैच में जिसके नतीजे का कोई मतलब नहीं उसमें भी मनीष को मौका नहीं दे सकते हैं तो फिर अंतिम 15 में उनको पहला स्थान देने का क्या मतलब बनता है। उन्होंने पिछले दो सालों में सिर्फ तीन मैच ही खेला है।  

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