सनराइजर्स हैदराबाद टीम से ड्राप किए जाने पर डेविड वार्नर ने पहली बार दिया ये बयान

IPL 2021 के भारत के लेग में डेविड वार्नर सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान थे लेकिन 6 मैचों के बाद उनसे कप्तानी छीन ली गई। यहां तक कि यूएई के लेग में वार्नर को प्लेइंग इलेवन से भी बाहर कर दिया गया जिसको लेकर अब उन्होंने बयान दिया है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 10:44 AM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 10:44 AM (IST)
सनराइजर्स हैदराबाद टीम से ड्राप किए जाने पर डेविड वार्नर ने पहली बार दिया ये बयान
डेविड वार्नर को टीम से ड्राप किया गया था (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। सितंबर में इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) फ्रेंचाइजी द्वारा ड्राप किए जाने से नवंबर में टी 20 विश्व कप में प्लेयर आफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार जीतने तक सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर के लिए एक रोलरकोस्टर की सवारी रही है। कुछ मैचों में अपने और टीम के खराब प्रदर्शन के कारण आइपीएल में उनसे कप्तानी छीन ली गई और यूएई के लेग में उनको टीम से भी ड्राप कर दिया गया, लेकिन अब उन्होंने आस्ट्रेलिया को पहला टी20 विश्व कप जिताने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा उन्होंने पहली बार आइपीएल 2021 के यूएई चरण में ड्राप किए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।

आस्ट्रेलियाई टीम के धुरंधर बल्लेबाज डेविड वार्नर ने इकोनमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, "जब आपको उस टीम से बाहर कर दिया जाता है, जिसे आप बिना किसी वास्तविक दोष के सालों से सबसे ज्यादा प्यार करते आरे हैं और बिना कारण बताए कप्तानी छीन ली जाती है, तो इससे दर्द होता है। साथ ही कोई शिकायत नहीं है। भारत में प्रशंसक हमेशा मेरे लिए रहे हैं और यह उनके लिए है कि आप खेलते हैं। हम मनोरंजन के लिए खेलते हैं। हम उत्कृष्टता के लिए आगे बढ़ने के लिए खेलते हैं।"

लंबे समय तक टीम की कप्तानी करने वाले वार्नर ने सनराइजर्स हैदराबाद को लेकर आगे कहा, "आइपीएल टीम में जगह नहीं मिलने का कारण जो भी रहा हो, मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने अब तक का सबसे कठिन प्रशिक्षण लिया था। मैंने एक भी दिन नहीं छोड़ा। मैं नेट्स में बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था और सब कुछ ठीक होने में बस कुछ ही समय था। तो हां, जब यह दर्द मिला तो मुझे पता था कि मेरे पास एक और मौका होगा।"

डेविड वार्नर ने 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद को आइपीएल खिताब दिलाया था, लेकिन आइपीएल 2021 के यूएई लेग में केवल दो मैचों के बाद उनको टीम से ड्राप कर दिया गया। हैरान करने वाली बात ये रही कि वे टीम के साथ भी कुछ मैचों में नजर नहीं आए, लेकिन वे नेट्स में काफी मेहनत करते रहे, जिसका फल उनको टी20 विश्व कप में मिला और उन्होंने तीन अर्धशतकों के साथ टूर्नामेंट में 289 रन बनाए। सेमीफाइनल और फाइनल मैच में उन्होंने 100 से ज्यादा रन बनाए, जिसके कारण कंगारू टीम को जीत मिली।

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