पुजारा बोले- पिंक बॉल से बल्लेबाजों को नहीं होगी परेशानी, बस ये काम करने की है जरूरत

भारतीय टीम की नई टेस्ट दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि पिंक बॉल से बल्लेबाजों को परेशान नहीं होगी।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 10:41 AM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 10:41 AM (IST)
पुजारा बोले- पिंक बॉल से बल्लेबाजों को नहीं होगी परेशानी, बस ये काम करने की है जरूरत
पुजारा बोले- पिंक बॉल से बल्लेबाजों को नहीं होगी परेशानी, बस ये काम करने की है जरूरत

कोलकाता, आइएएनएस। भारतीय टीम ने बांग्लादेश से तीन मैचों की टी-20 सीरीज 2-1 से जीत ली है और और अब बारी दो मैचों की टेस्ट सीरीज की है जिसका दूसरा टेस्ट मैच डे-नाइट प्रारूप में 22 नवंबर से यहां गुलाबी गेंद से खेला जाएगा। यह भारत और बांग्लादेश दोनों का पहला डे-नाइट का टेस्ट मैच होगा।

दोनों टीमों में से एक खिलाड़ी ऐसा जरूर है जिसने गुलाबी गेंद से क्रिकेट खेला है और वो हैं भारत के टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा। पुजारा ने 2016 के दलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से मैच खेला था। उस सीरीज में पुजारा ने सबसे ज्यादा 453 रन बनाए थे जिसमें दो शतक भी शामिल थे। इंडिया ब्लू से खेलते हुए पुजारा ने नाबाद 256 रन भी बनाए थे।

पुजारा ने गुलाबी गेंद से बल्लेबाजों को आने वाली परेशानी की बात को नकार दिया और कहा कि बल्लेबाजों के नजरिए से चीजें ज्यादा बदली हुई नहीं होंगी। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि जब आप गुलाबी गेंद से खेलना शुरू करते हो तो ज्यादा कोई अंतर होता है। चूंकि मैं एसजी गुलाबी गेंद से नहीं खेला हूं इसलिए मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि एसजी गुलाबी गेंद लाल गेंद की तरह की होगी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई हालिया सीरीज को देखिए, गेंद ने जिस तरह से अपना आकार बनाए रखा उससे खिलाड़ी काफी खुश थे इसलिए हम गुलाबी गेंद से भी इसी तरह की उम्मीद कर रहे हैं। हां ये लाल गेंद की अपेक्षा थोड़ी अलग जरूर होगी लेकिन ज्यादा कुछ अंतर नहीं होगा।" 

बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में जब भी गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया है वो कुकाबुरा की रही है। वहीं अन्य मैचों में बीसीसीआइ एसजी गेंद का इस्तेमाल करती है। कुकाबुरा गेंद से खेलने के अपने अनुभव के बारे में पूछे जाने पर पुजारा ने कहा, "मैं 2016/17 में खेला था जिसे अब लंबा समय हो चुका है इसलिए इसे फायदे के रूप में नहीं देखा जा सकता। लेकिन हां, वो अनुभव मददगार जरूर होगा, इसमें कोई शक नहीं है। जब आप गुलाबी गेंद से खेलते हो तो आप जानते हो कि आपको किस समय क्या उम्मीद करनी हैं इसलिए यह अनुभव मददगार होगा। कई बार गुलाबी गेंद से खेलना शाम के समय में चुनौतीपूर्ण होता है। आपको थोड़े बहुत अभ्यास की जरूर होती है और एक बार आप जब गुलाबी गेंद से खेलने लगते हैं तो आप इसके आदि हो जाते हैं। इसलिए यह मैच से पहले सिर्फ कुछ अभ्यास सत्र की बात है। मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं अभ्यास करने की कोशिश करूंगा।" 

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