टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच ने माना, प्रैक्टिस के दौरान गेंदबाज मोहम्मद सिराज पर चिल्लाते हैं वो
भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा सिराज अपनी कुछ नई चीजें भी करते हैं और मैं उनपर चिल्लाता हूं जब वो ऐसा कुछ करते हैं। उनको समझाने के लिए मैं उनके उपर चिल्लाता भी हूं।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार टेस्ट डेब्यू किया। सीरीज के दौरान वह पहले मैच में तीसरे चेंज गेंदबाज के तौर पर खेले थे लेकिन तीसरे ही मैच में टीम की गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभालते नजर आए। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने बताया कि कैसे सिराज को उन्होंने एक नेट गेंदबाज से टीम में जगह बनाते हुए देखा।
भारतीय टीम के स्पिनर आर अश्विन से बात करते हुए अरुण ने बताया, "सिराज एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके अंदर भूख और गुस्सा दोनों ही है। जब मैंने उनको हैदराबाद में देखा था, बल्कि उनको तब देखा था जब मैं आरसीबी के साथ था, वो नेट गेंदबाज के तौर पर आए थे। सनराइजर्स के खिलाफ मैच के दौरान मैंने वीवीएस को जाकर बोला था, यह लड़का बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा है। मैंने उनसे पूछा था कि अब तक इस लड़के ने हैदराबाद के लिए कोई मैच नहीं खेला है ना। आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। वीवीएस ने सिर हिलाया था लेकिन उस साल उन्होंने ज्यादा मैच नहीं खेला।
आगे उन्होंने बताया, "जब मैं हैदराबाद कोच के तौर पर गया तो सिराज को दोबारा बुलाया था। वह संभावित खिलाड़ियों में भी नहीं थे। मैंने जब उनको दोबारा से गेंदबाजी करते देखा तो इस बार वह पहले से ज्यादा प्रभावशाली नजर आ रहे थे। मुझे लगा था कि यह शायद एक बार होगा ऐसी रफ्तार और इतनी आक्रामकता जो मैंने नेट्सट में देखी। लेकिन जब उनको दोबारा से बुलाया तो उनकी चाहत, इरादा और गेंदबाजी बिल्कुल वैसी ही थी, जैसा पहले देखा था। जब मैं हैदराबाद में कोच के तौर पर गया तो मुझे पूरी शक्ति दी गई। फिर मैंने कहा कि इस लड़के को तो जरूर खेलना चाहिए।"
सिराज को समझाने के लिए कोच गुस्सा भी दिखाते हैं, "एक जो सबसे अच्छी बात सिराज की है वो कि अगर हम उनको कुछ करने के लिए कहते हैं तो वह उसे ठीक उसी तरह से करेंगे जैसा उनको कहा गया है। वैसे वो अपनी कुछ नई चीजें भी करते हैं और मैं उनपर चिल्लाता हूं जब वो ऐसा कुछ करते हैं। उनको समझाने के लिए मैं उनके उपर चिल्लाता भी हूं।"
"जब मैं भारतीय क्रिकेट टीम में आया उन्होंने मुझे पूछा आप मुझे कब बुलाएंगे। उनका चयन हुआ और भारत की तरफ से कुछ लिमिटेड ओवर के मैच खेले। उनका प्रदर्शन ठीक ठाक का रहा था। उनकी सबसे बड़ी ताकत है वो विश्वास जो वह खुद पर करते हैं। यही उनकी सफलता का सबसे बड़ी चीज भी है।"