IPL 2021 को रद करने पर BCCI को होगा कितने करोड़ का नुकसान, खुद सौरव गांगुली ने बताया

गांगुली ने कहा कि हमें काफी बदलाव करने पड़े हैं और अभी तुरंत ही आइपीएल स्थगित हुआ है। हम बाकी के मैचों के लिए अन्य क्रिकेट बोर्ड से बात करेंगे और इसमें बहुत सारी चीजें शामिल हैं। हम धीरे-धीरे उस पर काम करना शुरू करेंगे।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:53 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:53 PM (IST)
IPL 2021 को रद करने पर BCCI को होगा कितने करोड़ का नुकसान, खुद सौरव गांगुली ने बताया
आइपीएल 2021 को कोविड-19 महामारी की वजह से रद कर दिया गया (एपी फोटो)

नई दिल्ली, एएनआइ। इंडियन प्रीमियर लीग में एक तरफ जहां खिलाड़ियों को उनकी काबिलियत के हिसाब से पैसे मिलते हैं तो इसके जरिए बीसीसीआइ को मोटी कमाई होती है। आइपीएल के जरिए होने वाली मोटी कमाई के लिए ही बोर्ड हर हाल में इसे आयोजन करना चाहता है, लेकिन इस बार बीसीसीआइ का दांव उल्टा पड़ा गया और भारत में इसे आयोजन कराने का उसका फैसला गलत साबित हुआ। कोविड-19 महामारी ने इस लीग को अपनी चपेट में ले लिया और इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि इस लीग के बाकी के बचे मुकाबले फिर से आयोजित किए जाने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता क्योंकि खुद बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कहना है कि, वो इसके आयोजित करवाने की पूरी कोशिश करेंगे और इसके लिए समय निकालने की कोशिश की जाएगी। 

गांगुली के मुताबिक आइपीएल 2021 के बाकी के मुकाबले के लिए टी20 वर्ल्ड कप के आसपास विंडो बनाने की कोशिश की जाएगी तो वहीं उन्होंने ये भी साफ किया कि, अगर किसी वजह से आइपीएल 2021 को रद किया जाता है तो इससे बीसीसीआइ को करीब 2500 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। गांगुली ने कहा कि, हमें काफी बदलाव करने पड़े हैं और अभी तुरंत ही आइपीएल स्थगित हुआ है। हम बाकी के मैचों के लिए अन्य क्रिकेट बोर्ड से बात करेंगे और इसमें बहुत सारी चीजें शामिल हैं। हम धीरे-धीरे उस पर काम करना शुरू करेंगे। अगर हम इस सीजन को आयोजित कर पाने में विफल रहते हैं तो इससे करीब 2500 करोड़ यानी 340 मिलियन डॉलर का नुकसान होगा और ये सिर्फ अनुमान है। 

सौरव गांगुली ने पिछले साल यूएई में बायो-बबल की जिम्मेदारी संभालने वाली ब्रिटेन की कंपनी रेस्ट्रेटा को आइपीएल द्वारा दोबारा नियुक्त न किए जाने के बारे में पूछने पर कहा, 'हमने उनके नाम पर चर्चा की थी, लेकिन भारत में उनकी बड़ी उपस्थिति नहीं है। यही कारण था कि हमें दूसरा विकल्प चुनना पड़ा। वहीं उन्होंने कहा कि, भारतीय खिलाड़ियो के लिए टीकाकरण के लिए कोई अलग अभियान शुरू नहीं किया जाएगा। अब खिलाड़ियों के पास समय है और इस स्थिति में वो व्यक्तिगत तौर पर टीका लगवा सकते हैं। राज्य सरकारें टीकाकरण अभियान चला रही है और खिलाड़ियों के पास ये एक अच्छा विकल्प है। 

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