पिंक टेस्ट के समर्थन में BCCI बॉस सौरव गांगुली, कहा- हर सीरीज में होना चाहिए डे-नाइट टेस्ट

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के मुखिया सौरव गांगुली ने कहा है कि हर सीरीज में कम से कम एक डे-नाइट टेस्ट होना जरूरी है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 09:43 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 09:43 AM (IST)
पिंक टेस्ट के समर्थन में BCCI बॉस सौरव गांगुली, कहा- हर सीरीज में होना चाहिए डे-नाइट टेस्ट
पिंक टेस्ट के समर्थन में BCCI बॉस सौरव गांगुली, कहा- हर सीरीज में होना चाहिए डे-नाइट टेस्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के अध्यक्ष और टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि हर एक टेस्ट सीरीज में एक पिंक टेस्ट यानी डे-टेस्ट होना जरूरी है। गांगुली ऐसा इसलिए मानते हैं, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक स्टेडियम में बैठकर मैच देख सकते हैं। 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' के रूप में जाने-जाने वाले गांगुली ने पिछले साल भारत और बांग्लादेश के बीच पिंक टेस्ट आयोजित कराया था।

मेजबान भारत और बांग्लादेश के बीच डे-नाइट टेस्ट मैच ईडन गार्डन्स में दर्शकों को खींचने में कामयाब रहा था। इस मैच को देखने के लिए रिकॉर्ड दर्शक पहुंचे थे। सौरव गांगुली ने ओपनर मयंक अग्रवाल के साथ चैट शो में बात करते हुए कहा है, "मुझे लगता है कि डे-नाइट टेस्ट, एक सीरीज में एक मैच महत्वपूर्ण है, क्योंकि क्रिकेट को सभी की जरूरत है। हमने कोलकाता में गुलाबी गेंद का टेस्ट खेला और मुझे नहीं लगता कि यह सामान्य भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच था।"

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है, "मुझे उम्मीद थी कि मैच पांच दिनों तक चलेगा, केवल तीन दिनों में हम 3 लाख 50 हजार लोगों को मैदान में लाने में सफल रहे।" जब से गांगुली ने बीसीसीआइ अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है, वह खेल में कुछ नवीनता लाने के लिए मुखर रहे हैं। भारतीय टीम ने जो पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेला है वो उन्हीं की देन हैं, क्योंकि उन्होंने खुद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड से इसकी इजाजत ली थी। यहां तक कि इस साल के आखिर में प्रस्तावित ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भी भारतीय टीम पिंक टेस्ट खेलेगी।

पिछले साल आइसीसी ने कहा था कि वे सबसे लंबे प्रारूप में कुछ बदलाव लाना चाहते हैं और शीर्ष निकाय ने चार दिवसीय टेस्ट मैचों की कोशिश करने का सुझाव दिया था। हालांकि, गांगुली ने कहा है कि वह इस विशेष विचार के प्रशंसक नहीं हैं। उन्होंने कहा है, "मुझे लगता है कि जीवन के हर पहलू में इनोवेशन महत्वपूर्ण है। मैं चार दिवसीय टेस्ट का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि बहुत सारे मैच चार दिन में खत्म नहीं होंगे। आपके पास पांच दिन हैं, आप इसे अलग तरीके से देखते हैं। मुझे नहीं लगता कि टेस्ट प्रारूप के साथ छेड़छाड़ करने की कोई जरूरत है। मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट सबसे अच्छा और कठिन प्रारूप है।"

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