कोच का दावा, मुझे भरोसा था कि राहुल तेवतिया अपनी बल्लेबाजी से IPL स्टारडम हासिल करेगा
IPL 2020 RR vs KXIP राजस्थान रॉयल्स को पहले हार की कगार पर पहुंचाने वाले और फिर हार की कगार से जीत की दहलीज पर पहुंचाने वाले राहुल तेवतिया की हर कोई तारीफ कर रहा है। इस बीच उनके कोच का भी बयान आ गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। IPL 2020 RR vs KXIP: किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ आइपीएल के 13वें सीजन के 9वें लीग मैच में राजस्थान रॉयल्स को पहले हार की कगार पर पहुंचाने वाले और फिर हार की कगार से जीत की दहलीज पर पहुंचाने वाले ऑलराउंडर राहुल तेवतिया अब फेमस हो गए हैं। पंजाब के खिलाफ मैच से पहले कुछ ही लोग राहुल तेवतिया के नाम को जानते थे, लेकिन एक पारी ने उनको फेमस कर दिया। इस बीच उनके कोच विजय यादव का भी बयान आ गया है। उन्होंने कहा है कि वे जानते थे तेवतिया बल्लेबाजी में कमाल करेगा।
कोच विजय यादव ने कहा है, "मैं हमेशा राहुल तेवतिया को बोलता था कि जब उसका दिन होगा तो वह अपनी लेग स्पिन से नहीं, बल्कि अपनी बल्लेबाजी से आइपीएल में स्टारडम हासिल करेगा।" पंजाब के खिलाफ 31 गेंदों में 7 छक्कों की मदद से खेली गई 53 रन की पारी राहुल तेवतिया के लिए किसी स्टारडम से कम नहीं थी, क्योंकि तेवतिया पहली 19 गेंदों में सिर्फ 8 रन बना पाए थे और फिर आखिरी की 12 गेंदों पर उन्होंने 45 रन बनाए। राहुल तेवतिया ने शेल्डन कॉट्रेल के एक ओवर में 5 छक्के जड़े, जिसमें से 4 छक्के उन्होंने पहली चार गेंदों पर ठोके थे।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सिही गांव के रहने वाले राहुल तेवतिया की तारीफ राजस्थान रॉयल्स के मेंटॉर और महान गेंदबाज शेन वार्न ने भी की। वार्न ने अपने ट्वीट में लिखा था, "सबसे पहले क्या हिम्मत और दिल तेवतिया ने दिखाया, ख़ासकर बल्ले से अपनी ख़राब शुरुआत के बाद, युवा खिलाड़ी ने कमाल कर दिया।" हरियाणा ने तमाम लेग स्पिनर भारत को दिए हैं, जिनमें अमित मिश्रा और युजवेंद्र चहल जैसे नाम शामिल हैं। तेवतिया भी लेग स्पिनर हैं, लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी से कमाल करके दिखाया है।
पूर्व क्रिकेटर विजय यादव ने बताया, "उनके(राहुल तेवतिया) पिता फरीदाबाद की एक अदालत में वकील हैं और वे एक मध्यमवर्गीय परिवार के हैं, लेकिन जो बात मुझे अखरती थी, वह यह थी कि एक शर्मीला बच्चा होने के बावजूद उसके परिवार का उत्साह था। सिर्फ उनके पिता ही नहीं, बल्कि उनके चाचा भी उन्हें छोड़ने आए थे और वे किसी भी इच्छुक माता-पिता की तरह थे यदि उनके बच्चे को बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला। उन्होंने सर क्या कर रहे हैं, राहुल को खिलाते क्यों नहीं। उनका परिवार उनको क्रिकेटर बनाना चाहता था।"