PM Kisan Samman Nidhi Update: पीएम ने 8.5 करोड़ किसानों को जारी की 17,000 करोड़ रुपये की छठी किस्त, एग्री इन्फ्रा फंड हुआ लॉन्च

PM Kisan Samman Nidhi Update Agri-infra fund प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर 8.5 करोड़ किसानों के खातों में 17000 करोड़ रुपये की पीएम किसान योजना की छठी किस्त जारी की PC ANI

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 02:49 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 07:50 AM (IST)
PM Kisan Samman Nidhi Update: पीएम ने 8.5 करोड़ किसानों को जारी की 17,000 करोड़ रुपये की छठी किस्त, एग्री इन्फ्रा फंड हुआ लॉन्च
PM Kisan Samman Nidhi Update: पीएम ने 8.5 करोड़ किसानों को जारी की 17,000 करोड़ रुपये की छठी किस्त, एग्री इन्फ्रा फंड हुआ लॉन्च

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा को लॉन्च किया है। सरकार ने जुलाई में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण का विस्तार करने के लिए एक लाख करोड़ के कोष के साथ कृषि-इन्फ्रा फंड की स्थापना को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में बटन दबाकर 8.5 करोड़ किसानों के खातों में 17,000 करोड़ रुपये की पीएम किसान सम्मान निधि योजना की छठी किस्त जारी की। यह किस्त तत्काल किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई है।

Delhi: Prime Minister Narendra Modi⁩ launches financing facility under Agriculture Infrastructure Fund and releases benefits under PM-KISAN scheme via video conferencing. pic.twitter.com/zpLLUHOKxj— ANI (@ANI) August 9, 2020

PM Narendra Modi Speech HIGHLIGHTS:

प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में यूरिया के बहुत ज्यादा प्रयोग पर चिंता प्रकट की। किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि यूरिया के अधिक इस्तेमाल से धरती को नुकसान हो रहा है और किसानों को इसके बारे में सोचना चाहिए।

पीएम ने कहा, 'आज हलषष्टी है, भगवान बलराम की जयंति है। सभी देशवासियों को, विशेषतौर पर किसान साथियों को हलछठ की, दाऊ जन्मोत्सव की, बहुत-बहुत शुभकामनाएं !! इस बेहद पावन अवसर पर देश में कृषि से जुड़ी सुविधाएं तैयार करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड लॉन्च किया गया है।'

पीएम ने कहा, 'इससे गांवों-गांवों में बेहतर भंडारण, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोज़गार के अनेक अवसर तैयार होंगे। इसके साथ-साथ साढ़े 8 करोड़ किसान परिवारों के खाते में, पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 17 हज़ार करोड़ रुपए ट्रांसफर करते हुए भी मुझे बहुत संतोष हो रहा है। संतोष इस बात का है कि इस योजना का जो लक्ष्य था, वो हासिल हो रहा है।'

पीएम ने कहा, 'बीते डेढ़ साल में योजना के माध्यम से 75 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। इसमें से 22 हज़ार करोड़ रुपए तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किसानों तक पहुंचाए गए हैं।'

पीएम ने कहा, 'अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसान और खेती से जुड़े इन सारे सवालों के समाधान ढूंढे जा रहे हैं। एक देश, एक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते 7 साल से काम चल रहा था, वो अब पूरा हो रहा है। पहले e-NAM के ज़रिए, एक टेक्नोलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई। अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया। अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं।'

पीएम ने कहा, 'अगर वो अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे, तो वो कर सकता है या फिर सीधे वेयरहाउस से, e-NAM से जुड़े व्यापारियों और संस्थानों को, जो भी उसको ज्यादा दाम देता है, उसके साथ फसल का सौदा किसान कर सकता है।'

पीएम ने कहा, 'आज जो एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड लॉन्च किया गया है, इससे किसान अपने स्तर भी गांवों में भंडारण की आधुनिक सुविधाएं बना पाएंगे। इस योजना से गांव में किसानों के समूहों को, किसान समितियों को, FPOs को वेयरहाउस बनाने के लिए, कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग लगाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की मदद मिलेगी।'

पीएम ने कहा, 'इस आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से कृषि आधारित उद्योग लगाने में बहुत मदद मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हर जिले में मशहूर उत्पादों को देश और दुनिया के मार्केट तक पहुंचाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है। अब हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां गांव के कृषि उद्योगों से फूड आधारित उत्पाद शहर जाएंगे और शहरों से दूसरा औद्योगिक सामान बनकर गांव पहुंचेगा। यही तो आत्मनिर्भर भारत अभियान का संकल्प है, जिसके लिए हमें काम करना है।'

पीएम ने कहा, 'इसमें भी ज्यादा हिस्सेदारी हमारे छोटे किसानों के बड़े समूह, जिनको हम FPO कह रहे हैं, या फिर किसान उत्पादक संघ कह रहे हैं, इनकी होने वाली है। इसलिए बीते 7 साल से FPO-किसान उत्पादक समूह का एक बड़ा नेटवर्क बनाने का अभियान चलाया है। अभी तक लगभग साढ़े 300 कृषि स्टार्टअप्स को मदद दी जा रही है। ये स्टार्टअप, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े हैं, एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, खेती से जुड़े स्मार्ट उपकरण के निर्माण और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े हैं।'

पीएम ने कहा, 'किसानों से जुड़ी ये जितनी भी योजनाएं हैं, जितने भी रिफॉर्म हो रहे हैं, इनके केंद्र में हमारा छोटा किसान है। यही छोटा किसान है, जिस पर सबसे ज्यादा परेशानी आती रही है।'

पीएम ने कहा, 'दो दिन पहले ही, देश के छोटे किसानों से जुड़ी एक बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की गई है, जिसका आने वाले समय में पूरे देश को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। देश की पहली किसान रेल महाराष्ट्र और बिहार के बीच में शुरू हो चुकी है।'

पीएम ने कहा, 'अब जब देश के बड़े शहरों तक छोटे किसानों की पहुंच हो रही है तो वो ताज़ा सब्जियां उगाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, पशुपालन और मत्स्यपालन की तरफ प्रोत्साहित होंगे। इससे कम ज़मीन से भी अधिक आय का रास्ता खुल जाएगा, रोज़गार और स्वरोज़गार के अनेक नए अवसर खुलेंगे। ये जितने भी कदम उठाए जा रहे हैं, इनसे 21वीं सदी में देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर भी बदलेगी, कृषि से आय में भी कई गुणा वृद्धि होगी। हाल में लिए गए हर निर्णय आने वाले समय में गांव के नज़दीक ही व्यापक रोज़गार तैयार करने वाले हैं।'

पीएम ने कहा, 'ये हमारे किसान ही हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश को खाने-पीने के ज़रूरी सामान की समस्या नहीं होने दी। देश जब लॉकडाउन में था, तब हमारा किसान खेतों में फसल की कटाई कर रहा था और बुआई के नए रिकॉर्ड बना रहा था।'

पीएम ने कहा, 'सरकार ने भी सुनिश्चित किया कि किसान की उपज की रिकॉर्ड खरीद हो। जिससे पिछली बार की तुलना में करीब 27 हज़ार करोड़ रुपए ज्यादा किसानों की जेब में पहुंचा है।'

पीएम ने कहा, 'यही कारण है कि इस मुश्किल समय में भी हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था मज़बूत है, गांव में परेशानी कम हुई है। हमारे गांव की ये ताकत देश के विकास की गति को भी तेज़ करने में अग्रणी भूमिका निभाए, इसी विश्वास के साथ आप सभी किसान साथियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।'

किसानों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम। #AatmaNirbharKrishi https://t.co/EypUIvrQKq" rel="nofollow— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2020

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जानिए क्या है एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड

एग्री-इन्फ्रा फंड कोरोना वायरस संकट के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एक हिस्सा था। एग्री-इन्फ्रा फंड की अवधि साल 2029 तक 10 वर्षों के लिए है। इसका लक्ष्य ब्याज सबवेंशन और वित्तीय सहायता के जरिए पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर और सामुदायिक खेती के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम-से-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना है। इस कदम का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाना और अधिक रोजगार पैदा करना है।

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इस साल वितरित होगा 10,000 करोड़ का लोन

एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में एक लाख करोड़ रुपये बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसाइटीज, फार्मर ग्रुप्स, फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस, एग्री-उद्यमियों, स्टार्टअप्स और एग्री-टेक से जुड़े लोगों को लोन के रूप में उपलब्ध करवाए जाएंगे। लोन चार वर्षों में वितरित किये जाएंगे। मौजूदा वित्त वर्ष में10,000 करोड़ और अगले तीन वित्त वर्षों के दौरान प्रत्येक में 30,000 करोड़ रुपये का लोन वितरित होगा।

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