Reliance Industries ने रचा इतिहास, 9 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप वाली देश की पहली कंपनी बनी
Reliance Industries देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिसका मार्केट कैप 9 लाख करोड़ रुपये के पार हुआ है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने शुक्रवार को नया इतिहास रचा। RIL देश की पहली ऐसी कंपनी है जिसका मार्केट कैप 9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा है। इससे पहले, अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 8 लाख करोड़ रुपये पहुंचा था। शुक्रवार को शेयर बाजार में कारोबार के दौरान जब रिलायंस के शेयर दो फीसद की बढ़ोतरी के साथ 1,428 रुपये पर कारोबार कर रहे थे तो इसका मार्केट कैप 9.03 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था।
शुक्रवार यानी आज ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूसरी तिमाही के परिणाम आने वाले हैं। शेयर की कीमतों में उछाल से कंपनी ने यह नया मुकाम हासिल किया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि रिफाइनिंग मार्जिन सुधरने से रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमाई सितंबर तिमाही में अच्छी रहेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (TCS) ऐसी दूसरी कंपनी थी जिसका मार्केट कैप 8 लाख करोड़ रुपये पहुंचा था। हालांकि, शुक्रवार को टीसीएस के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे और इसका मार्केट कैपप 7.66 लाख करोड़ रुपये था।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले दो वर्षों में 200 अरब डॉलर के मार्केट कैप वाली पहली भारतीय कंपनी बन सकती है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस को 200 अरब डॉलर तक के मार्केट कैप तक पहुंचने में कई कारक मददगार होंगे। इनमें असंगठित किराना स्टोर्स में मोबाइल प्वाइंट ऑफ सेल (M-PoS) लगाकर खुदरा कारोबार पर पकड़ जरूरी होगी। इसके साथ ही कंपनी का माइक्रोसॉफ्ट के साथ एसएमई सेक्टर में उतरना भी महत्वपूर्ण है। साथ ही 200 अरब डॉलर तक के मार्केट कैप तक पहुंचने में जियो फाइबर ब्रॉडबैंड की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुकेश अंबानी का टेलिकॉम कारोबार अच्छी ग्रोथ करेगा। इसको प्रति मोबाइल फोन यूजर से होने वाली कमाई वित्त वर्ष 2022 तक अभी के 151 रुपये से बढ़कर 177 रुपये हो जाएगा। वहीं, 1 करोड़ किराना दुकानें कंपनी को हर महीने 750 रुपये का भुगतान करेंगे, ताकि M-PoS इंस्टॉल किया जा सके। 2 साल में कंपनी के ब्रॉडबैंड इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या 1.20 करोड़ हो सकती है, इनमें से 60 फीसद से प्रतिमाह औसतन 840 रुपये मिलेगा।