वसीयत बनाने से पहले आपको ये 5 मुख्य बातें जरूर पता होनी चाहिए
एक वसीयत में अपनी इच्छा अनुसार अपने निधन के बाद अपनी संपत्ति के विवरण और उसके हकदार की घोषणा की जाती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एक वसीयत में यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपकी चल-अचल संपत्ति का आपके बाद कौन हकदार होगा, आपके न रहने पर ये सबकुछ अपने आप उसके नाम पहुंच जाएगा।
वसीयत लिखना ज्यादा कठिन काम नहीं है और आप इसे पेन और पेपर, ऑनलाइन टेम्प्लेट या किसी सलाहकार की मदद पर लिख सकते हैं। जब वसीयत लिख जाती है तो यह आपके बाद आपके परिवार के लिए सबसे अच्छे उपहारों में से एक हो सकती है। आज हम यहां आपको वसीयत बनाने के बारे बता रहे हैं...
वसीयत क्या है?
भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम 1925 द्वारा में बताया गया है कि एक वसीयत वह कानूनी घोषणा है, जिसमें ये बताया जाता है कि आपके निधन के बाद आपकी चल और अचल संपत्ति का मालिक कौन होगा। इन संपत्तियों का मूल्य हो सकता है या नहीं, इसमें आपके निवेश, अचल संपत्ति, कलाकृति, फर्नीचर, संगीत रिकॉर्ड, एक अधूरा काम भी हो सकता है। एक वसीयत बनाने के लिए कानूनी मंजूरी और दो गवाह के हक्ष्ताक्षर चाहिए होते हैं।
वसीयत कौन लिख सकता है?
कोई भी व्यक्ति जो अपना वजूद रखता है वो वसीयत लिख सकता है। एक वसीयत में अपनी इच्छा अनुसार, अपने निधन के बाद अपनी संपत्ति के विवरण और उसके हकदार की घोषणा की जाती है।
पंजीकरण: आप दो गवाहों के साथ रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार के पास अपनी वसीयत को पंजीकृत करवा सकते हैं। जरूरी नहीं है कि पंजीकरण करवाया ही जाए, लेकिन दिक्कतों से बचने के लिए पंजीकरण जरूरी है।
वसीयत को कैसे लागू किया जाता है?
सबसे पहले आपको उस व्यक्ति का चयन करना है जो आपके निधन के बाद आपकी संपत्ति का मालिक होगा। आपके निधन के बाद जिला अदालत के माध्यम से वसीयत मंजूर हो जाएगी।
अच्छी वसीयत लिखने की टिप्स-
अच्छी वसीयत लिखने के लिए आपको ये 3 टिप्स अपनानी हैं: संपत्ति और लाभार्थियों के बारे में पूरी तरह से जागरुक रहिए। वसीयत को नए रूप से तैयार कीजिए और समय के साथ उसमें बदलाव करते रहिए। अब वसीयत लिखने के लिए ठीक जानकारी मिल गई है, जिसके बाद आप वसीयत लिखने की शुरुआत कर सकते हैं।