Share Market का All time high क्‍यों लगता है जोखिमभरा, जानिए इसे बड़े बैंक की राय

Share Market मंगलवार को रिकॉर्ड 53000 अंक को पार कर गया। यह भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में ऐतिहासिक उछाल है। इस बीच SBI ने कहा है कि 2020 में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (World biggest economies) में भारतीय कंपनियों के Market cap में सबसे तेज बढ़ोतरी हुई।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 02:11 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 02:11 PM (IST)
Share Market का All time high क्‍यों लगता है जोखिमभरा, जानिए इसे बड़े बैंक की राय
इससे देश की वित्तीय स्थिरता (financial Stability of economy) को लेकर जोखिम पैदा हो सकता है। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Share Market मंगलवार को रिकॉर्ड 53000 अंक को पार कर गया। यह भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में ऐतिहासिक उछाल है। इस बीच, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि बीते साल दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (World biggest economies) में भारतीय कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (Indian companies Market cap) में सबसे तेज बढ़ोतरी हुई। हालांकि, इस दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट आई। इससे देश की वित्तीय स्थिरता (financial Stability of economy) को लेकर जोखिम पैदा हो सकता है।

रिटेल इन्‍वेस्‍टर काफी सक्रिय

SBI के अर्थशास्त्रियों ने नोट में कहा कि खुदरा निवेशकों ने बाजार में काफी रुचि दिखाई है। वित्त वर्ष 2020-21 में खुदरा निवेशकों की संख्या में 1.42 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। वहीं अप्रैल और मई में इनकी संख्या 44 लाख और बढ़ गई।

Lockdown से बढ़ी ट्रेडिंग

देश के सबसे बड़े बैंक के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इस दौरान शेयर बाजारों में तेजी की वजह यह रही है कि अन्य वित्तीय उत्पादों पर रिटर्न की दर कम है। साथ ही वैश्विक स्तर पर तरलता बेहतर हुई। इसके साथ ही आवाजाही पर रोक की वजह से लोग घर पर ज्यादा समय बिता रहे हैं जिससे वे अधिक ट्रेडिंग कर रहे हैं।

1 साल में सेंसेक्‍स 28 हजार से 52 हजार

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स अप्रैल, 2020 में 28,000 था, जो फिलहाल 52,000 अंक के स्तर से अधिक पर है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि शेयर बाजारों में ऐसे समय बढ़त जबकि वास्तविक अर्थव्यवस्था में कोई उल्लेखनीय घटनाक्रम नहीं हो रहा है, से वित्तीय स्थिरता का मुद्दा पैदा हो सकता है। हमारे वित्तीय स्थिरता सूचकांक के अनुसार इसमें अप्रैल, 2021 में सबसे कम सुधार हुआ है।

BSE में 1.8 गुना की बढ़ोतरी

यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व में रिजर्व बैंक की शेयर बाजारों में जोरदार तेजी की वजह से वित्तीय स्थिरता के जोखिम का अंदेशा जता चुका है। नोट में कहा गया है कि बीते साल बीएसई में 1.8 गुना की बढ़ोतरी हुई, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। इस दौरान रूस के बेंचमार्क में 1.64 गुना, ब्राजील में 1.60 गुना और चीन में 1.59 गुना की बढ़ोतरी हुई।

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