वर्षों बाद भारत बना रिफाइंड कॉपर का आयातक, वेदांता कॉपर प्‍लांट बंद होने का दिखा असर

केयर रेटिंग के मुताबिक तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता कॉपर प्लांट बंद होने के चलते भारत को इसके आयात की जरूरत पड़ी है। (Pic pixabay.com)

By Manish MishraEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 09:04 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 09:15 AM (IST)
वर्षों बाद भारत बना रिफाइंड कॉपर का आयातक, वेदांता कॉपर प्‍लांट बंद होने का दिखा असर
वर्षों बाद भारत बना रिफाइंड कॉपर का आयातक, वेदांता कॉपर प्‍लांट बंद होने का दिखा असर

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत 18 वर्षो के बाद रिफाइंड कॉपर के आयातक देशों में शामिल हो गया है। केयर रेटिंग के मुताबिक तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता कॉपर प्लांट बंद होने के चलते भारत को इसके आयात की जरूरत पड़ी है। रेटिंग एजेंसी केयर ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 तक भारत कॉपर कैथोड का शुद्ध निर्यातक हुआ करता था। लेकिन तूतीकोरिन प्लांट के बंद होने से स्थिति बदल गई है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत के कॉपर निर्यात में 87.4 फीसद की गिरावट दर्ज की गई, वहीं इसी अवधि के दौरान आयात में 131.2 फीसद का इजाफा हुआ। 

इस दौरान भारत ने जापान, कांगो, सिंगापुर, चिली, तंजानिया, यूएई और दक्षिण अफ्रीका से रिफाइंड कॉपर का आयात किया। हालांकि, इसी अवधि में चीन, ताइवान, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और बांग्लादेश को निर्यात किया गया। इस बीच चीन को होने वाले कॉपर निर्यात में 63 फीसद का इजाफा हुआ, जबकि जापान से होने वाले आयात में 68 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई।

देश में कॉपर माइंस की कमी के चलते इस उद्योग में प्रयोग होने वाला कच्चा माल आयात किया जाता था। भारत अपनी जरूरत का 90 फीसद कच्चा माल आयात करता था। लेकिन तूतीकोरिन प्लांट बंद होने के बाद कच्चे माल के आयात में भी बड़ी गिरावट आई है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष मई में तमिलनाडु सरकार ने वेदांता के कॉपर स्मेल्टर प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने यह कदम व्यापक तौर पर हिंसक प्रदर्शन के बाद उठाया था।

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