आपने जो सोना लिया है उस पर हॉलमार्किंग असली है या नकली, ऐसे करें पहचान
gold jewellery hallmarking Identification यदि आप हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हॉलमार्किंग असली है। जौहरी ने जो निशान लगाए होंगे उससे सावधान रहें। इसे डब्बा हॉलमार्किंग के नाम से भी जाना जाता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों पर अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग की व्यवस्था 16 जून से प्रभाव में आ गई है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और शुरू में 256 जिलों में इसे क्रियान्वित किया जाएगा। हॉलामार्किंग मूल्यवान धातु की शुद्धता का प्रमाणपत्र है और फिलहाल यह व्यवस्था स्वैच्छिक रखी गई थी। सरकार ने ऐलान किया है कि अगस्त 2021 तक पुराने स्टॉक पर हॉलमार्क को लेकर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी।
यदि आप हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हॉलमार्किंग असली है। जौहरी ने जो निशान लगाए होंगे, उससे सावधान रहें। इसे डब्बा हॉलमार्किंग के नाम से भी जाना जाता है। कुछ तरीके हैं जिनसे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप जो आभूषण खरीद रहे हैं उस पर हॉलमार्क का चिन्ह वास्तविक है।
1) हॉलमार्क चिन्ह की जांच करें जिसमें तीन चीजें हों, बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) चिह्न एक त्रिकोण द्वारा दिखाया गया हो, कैरेटेज (22K915) शुद्धता को बताएगा, जौहरी का चिह्न और AHC हो।
2) आप जौहरी से उसका बीआईएस लाइसेंस दिखाने के लिए कह सकते हैं। बीआईएस के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ज्वैलर्स को लाइसेंस पहले दिखाना होता है। जांचें कि पर्ची और दुकान पर दिया पता एक ही है या नहीं।
3) बिल का ब्रेकअप मांगे। आप जौहरी से बिल पर हॉलमार्किंग शुल्क के बारे में बताने के लिए कह सकते हैं। परख और हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) हॉलमार्क वाले आइटम के लिए ₹35 चार्ज करते हैं जिसका भुगतान जौहरी द्वारा किया जाता है।
4) आप एक छोटे से शुल्क का भुगतान करके AHC में गहनों की जांच करवा सकते हैं। आप बीआईएस वेबसाइट पर एएचसी की सूची देख सकते हैं। यह उन लोगों के बारे में बताता है जिनका लाइसेंस रद कर दिया गया है। जांच के बाद AHC आभूषणों पर अंकित उचित पहचान के साथ एक रिपोर्ट जारी करेगा। यदि आभूषण कम शुद्धता के पाए जाते हैं, तो प्रारंभिक प्रमाणीकरण करने वाले एएचसी को उपभोक्ता की फीस वापस करनी होगी।
5) आप रिपोर्ट के साथ अपने जौहरी से भी संपर्क कर सकते हैं क्योंकि विक्रेता उत्पाद की शुद्धता के लिए जिम्मेदार है। ऐसे मामलों में जौहरी क्षतिपूर्ति के लिए भी उत्तरदायी होता है।