आज है Sovereign Gold Bond में निवेश का आखिरी मौका, मोटा मुनाफा से कहीं चूक न जाएं आप
कोविड की वजह से लोगों द्वारा सुरक्षित-संपत्ति में निवेश के रुझान से पिछले एक साल में सोने ने अच्छा रिटर्न दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि सोने में तेजी कुछ और समय तक जारी रहने वाली है क्योंकि मौजूदा आर्थिक स्थिति गोल्ड के पक्ष में है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोविड की वजह से लोगों द्वारा सुरक्षित-संपत्ति में निवेश के रुझान से पिछले एक साल में सोने ने अच्छा रिटर्न दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि सोने में तेजी कुछ और समय तक जारी रहने वाली है, क्योंकि मौजूदा आर्थिक स्थिति गोल्ड के पक्ष में है। इस बीच Sovereign Gold Bond scheme (SGB) 16 जुलाई 2021 तक सदस्यता के लिए खुली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अधिसूचना के अनुसार, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2021-22 - सीरीज IV में दी जाने वाली कीमत 4,807 रुपये प्रति ग्राम है। सरकार ने आरबीआई के सुझाव से ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को मूल्य से 50 रुपये प्रति ग्राम कम की छूट देने का फैसला किया है। इसके अलावा आवेदन के बदले पेमेंट भी डिजिटल मोड से किया जा सकता है। ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इशू प्राइस 4,757 रुपये प्रति ग्राम है।
क्यों करना चाहिए Sovereign Gold Bonds में निवेश, जानिए
Highest Returns: सोने में निवेश के सभी उपलब्ध विकल्पों में से Sovereign Gold Bonds सबसे ज्यादा रिटर्न देते हैं।
Low Tax: 2.5% की वार्षिक ब्याज आय कर योग्य है। इसके अलावा, यदि आप मैच्योरिटी तक SGB रखते हैं, तो निवेश पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा। दूसरी ओर, गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड फंड के मामले में तीन साल के निवेश के बाद अर्जित पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन के बाद 20% कर लगाया जाता है।
भंडारण की कोई समस्या नहीं: सुरक्षित, भौतिक सोने की तरह भंडारण की कोई समस्या नहीं है।
GST से छूट, मेकिंग चार्ज: फिजिकल गोल्ड से अलग कोई जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है।
आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बैंक (स्मॉल फाइनेंस बैंक एवं पेमेंट बैंक को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, निर्धारित पोस्ट ऑफिस एवं मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स एक्सचेंजों पर ट्रेडेबल होते हैं।
SGB पर ब्याज कर योग्य होता है, लेकिन बॉन्ड्स के रिडंप्शन के समय पूंजीगत लाभ पर टैक्स में इंडिविजुअल्स के लिए छूट होती है।