VPF पर मिलता है PPF से ज्यादा रिटर्न, जानिए यहां पैसा लगाना कितना फायदेमंद होगा
रिटायरमेंट की उम्र के बाद आय का कोई नियमित साधन नहीं बचता है इसलिए रिटायरमेंट के बाद की जरूरतें पूरी हो रिटायरमेंट फंड बहुत जरूरी है। तो जानिए कुछ ऐसे ही लोकप्रिय निवेश योजनाओं के बारे में जिनके माध्यम से अच्छा रिटायरमेंट फंड तैयार हो सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कमाई के साथ-साथ बचत और निवेश समय पर बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि नौकरी लगने के बाद से ही रिटायरमेंट फंड को लेकर बचत शुरू कर देनी चाहिए। सेविंग जितना जल्द शुरू होगी, उतना ही बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार होगा। रिटायरमेंट की उम्र के बाद आय का कोई नियमित साधन नहीं बचता है, इसलिए रिटायरमेंट के बाद की जरूरतें पूरी हो, रिटायरमेंट फंड बहुत जरूरी है। तो, जानिए कुछ ऐसे ही लोकप्रिय निवेश योजनाओं के बारे में जिनके माध्यम से अच्छा रिटायरमेंट फंड तैयार हो सकता है।
Public Provident Fund (PPF)
पीपीएफ भारत सरकार द्वारा समर्थित सेविंग स्कीम है। रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए इसमें निवेश करना बेहतर है। निवेश और टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन कहते हैं कि इस योजना में मैच्योरिटी राशि और ब्याज आय कर मुक्त होती है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस समय पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसद है। यह एक जोखिम मुक्त निवेश विकल्प है।
Voluntary Provident Fund (VPF)
VPF स्वैच्छिक भविष्य निधि कहलाता है। इसमें निवेश करना कर्मचारी की इच्छा पर निर्भर करता है। वीपीएफ में 8.5 फीसद ब्याज मिल रहा है। बलवंत जैन कहते हैं, इस योजना में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी व डीए की 12 फीसद से अधिक राशि पीएफ फंड में जमा करानी होती है। उन्होंने कहा, 'VPF में किए गए अंशदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट मिलती है। EPF की तरह VPF पर भी EEE (एक्जेम्ट, एक्जेम्ट, एक्जेम्ट) का लाभ मिलता है। अगर निवेशक एक साल में 1.5 लाख रुपये की राशि VPF में जमा करते हैं तो इससे हासिल ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर ब्याज में छूट का लाभ मिलता है।'
EPF पर मिलने वाले ब्याज की दर हर साल बदलती है। निवेश और टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन कहते हैं, 1 अप्रैल 2021 से EPF में एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख से ज्यादा के कर्मचारी के अंशदान पर जो राशि ब्याज के तौर पर आएगी वो टैक्सेबल है। मसलन, अगर 4 लाख का योगदान है, तो 2.5 लाख कर मुक्त इसके बाद डेढ़ लाख पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा। उल्लेखनीय है कि VPF में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है। उससे पहले की निकासी पर आपको VPF पर अर्जित ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, आप कुछ मामलों में नॉन-रिफंडेबल एडवांस निकाल सकते हैं।
दोनों में कौन है बेहतर
बलवंत जैन के मुताबिक वेतनभोगी तबके को रिटायरमेंट के लिए फंड इकट्ठा करने को PPF की जगह VPF में निवेश करना चाहिए। जैन के मुताबिक VPF पर PPF की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है।