FY2020-21 के लिए कर रहे हैं टैक्स प्लानिंग: इन पांच तरह की आय पर मिलती है टैक्स छूट

यदि आप नई कर व्यवस्था का चुनाव करते हैं तो आपको उन आय के बारे में जानना चाहिए जो नई कर व्यवस्था में भी आयकर से मुक्त हैं।

By NiteshEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 04:06 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 08:08 AM (IST)
FY2020-21 के लिए कर रहे हैं टैक्स प्लानिंग: इन पांच तरह की आय पर मिलती है टैक्स छूट
FY2020-21 के लिए कर रहे हैं टैक्स प्लानिंग: इन पांच तरह की आय पर मिलती है टैक्स छूट

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 1 अप्रैल, 2020 से लागू नई कर व्यवस्था वैकल्पिक है, नई कर व्यवस्था में किसी को भी आयकर कानून के तहत उपलब्ध कटौती में से अधिकांश का लाभ मिल सकता है, जैसे कि धारा 80सी, 80डी। हालांकि, सरकार ने नई कर व्यवस्था में कुछ आय पर उपलब्ध कुछ कटौती को बिना बदलाव के छोड़ दिया है। यदि आप नई कर व्यवस्था का चुनाव करते हैं तो आपको उन आय के बारे में जानना चाहिए जो नई कर व्यवस्था में भी आयकर से मुक्त हैं।

1) नियोक्ता से प्राप्त ग्रेच्युटी

नई कर व्यवस्था में एक निश्चित सीमा तक नियोक्ता से प्राप्त ग्रेच्युटी आय को छूट दी गई है। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए, जीवनकाल में 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी आयकर से मुक्त है। लेकिन सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी किसी भी राशि तक कर से मुक्त है। उल्लेखनीय है कि निजी क्षेत्र में किसी कर्मचारी की मृत्यु के कारण प्राप्त ग्रेच्युटी किसी भी राशि के बावजूद कर-मुक्त होगी।

2) जीवन बीमा पॉलिसी मैच्योरिटी से प्राप्त राशि

पुरानी कर व्यवस्था में जीवन बीमा पॉलिसी से प्राप्त मैच्योरिटी आय I-T अधिनियम 1961 की धारा 10 (10D) के तहत पूंजीगत लाभ को कर से छूट प्राप्त है। यह कटौती नई कर व्यवस्था में भी उपलब्ध है।

3) EPF/NPS खाते में नियोक्ता का योगदान

कर्मचारी के ईपीएफ, एनपीएस और किसी भी अन्य पेंशन फंड में नियोक्ता के योगदान को कर से मुक्त किया गया है। हालांकि, पुरानी कर व्यवस्था के विपरीत इस कटौती पर एक वर्ष में 7.5 लाख रुपये की ऊपरी सीमा है। ईपीएफ, एनपीएस और पेंशन फंड में एक साल में 7.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान कर्मचारी की आय में जोड़ा जाएगा और उसके स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा। इसके अलावा, अतिरिक्त योगदान से अर्जित कोई भी ब्याज या लाभ कर के अधीन होगा।

4) डाकघर बचत खाते से प्राप्त ब्याज

डाकघर बचत खाते पर प्राप्त ब्याज I-T अधिनियम 1961 की धारा 10 (15) (i) के तहत आयकर से मुक्त है। व्यक्तिगत खातों के मामले में यह छूट एक वर्ष में 3,500 रुपये तक उपलब्ध है। जॉइंट अकाउंट के लिए यह सीमा 7,000 रुपये प्रति वर्ष है।

5) ईपीएफ और पीपीएफ से प्राप्त ब्याज

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते से प्राप्त ब्याज को नई कर व्यवस्था में भी आयकर से मुक्त किया गया है, बशर्ते यह प्रति वर्ष 9.5% से अधिक न हो। हालांकि, नई कर व्यवस्था में कटौती के लिए पीपीएफ में वार्षिक योगदान की छूट नहीं है, पीपीएफ योगदान या पीपीएफ से मैच्योरिटी इनकम पर अर्जित ब्याज को नए कर ढांचे में भी कर से छूट दी गई है।

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