खोलना चाहते हैं किसान विकास पत्र खाता, तो जान लें रिटर्न से लेकर हर एक जरूरी डिटेल

किसान विकास पत्र में लगाया गया पैसा मैच्योरिटी पर डबल हो जाता है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sun, 09 Dec 2018 09:34 PM (IST) Updated:Sun, 23 Dec 2018 06:31 PM (IST)
खोलना चाहते हैं किसान विकास पत्र खाता, तो जान लें रिटर्न से लेकर हर एक जरूरी डिटेल
खोलना चाहते हैं किसान विकास पत्र खाता, तो जान लें रिटर्न से लेकर हर एक जरूरी डिटेल
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। किसान विकास पत्र (केवीपी) भारतीय डाकघर की ओर से संचालित होने वाली 9 बचत योजनाओं में से एक प्रमुख योजना है। वर्तमान समय में किसान विकास पत्र में निवेश पर 7.7 फीसद की दर से ब्याज मिलता है। केवीपी खाते में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज वार्षिक आधार पर मिलता है। इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट indiapost.gov.in के मुताबिक केवीपी स्मॉल सेविंग स्कीम पर मिलने वाला 7.7 फीसद का सालान रिटर्न 31 दिसंबर 2018 को खत्म हो रही तिमाही के लिए लागू है।

इंडिया पोस्ट की वेबसाइट के मुताबिक किसान विकास पत्र में निवेश की जाने वाली राशि 112 महीनों (9 साल 4 महीने) में दोगुनी हो जाती है। इंडिया पोस्ट के पास वर्तमान में 1.5 लाख डाकघरों का बड़ा नेटवर्क है जिसकी मदद से यह अपनी सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। अगर आप किसान विकास पत्र में निवेश करना चाहते हैं तो ये 10 बातें हर हाल में जरूर जाननी चाहिए। मिनिमम बैलेंस: किसान विकास पत्र अकाउंट न्यूनतम 1,000 रुपये के निवेश के साथ खोला जा सकता है। किसान विकास पत्र में निवेश के लिए निवेशक 1,000 के गुणकों में किसी भी राशि को चुन सकते हैं। यह जानकारी इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है। मैक्सिम बैलेंस की अनुमति: इंडिया पोस्ट ने किसान विकास पत्र अकाउंट में निवेश के लिए किसी भी ऊपरी सीमा का निर्धारण नहीं किया है। कौन खोल सकता है किसान विकास पत्र खाता? किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट को तीन मोड्स में खरीदा जा सकता है: वयस्क की ओर से खुद के लिए, नाबालिग के नाम पर वयस्क की ओर से या फिर दो वयस्कों की ओर से। इसका मतलब यह हुआ कि इसमें निवेश व्यक्तिगत तौर पर या फिर साझे के तौर पर किया जा सकता है। किसान विकास पत्र में कहां से करें निवेश? इंडिया पोस्ट के मुताबिक किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट को किसी भी डाकघर से खरीदा जा सकता है। नामिनेशन: किसान विकास पत्र में नॉमिनेशन की सुविधा मिलती है। इसे दो व्यक्ति के बीच या फिर दो डाकघरों के बीच स्थानांतरित भी किया जा सकता है। इंडिया पोस्ट की वेबसाइट के मुताबिक किसान विकास पत्र को इसके जारी किए जाने के ढ़ाई वर्ष बाद भुनाया जा सकता है। किसान विकास पत्र पर और अन्य छोटी बचत योजनाओं पर लागू होने वाली ब्याज दर को सरकार तिमाही आधार पर संशोधित करती है। इस वर्ष की शुरुआत में सरकार ने किसान विकास पत्र में निवेश पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.4 फीसद का इजाफा किया था। साथ ही इसके मैच्योरिटी पीरियड को भी 6 महीने कम किया था। आसान शब्दों में किसान विकास पत्र में लगाया गया पैसा मैच्योरिटी पर डबल हो जाता है, जो कि 9 वर्ष और 4 महीने होती है जो कि निवेश की तारीख से शुरु होती है। किसान विकास पत्र पर मिलने वाले ब्याज की गणना सालाना आधार पर की जाती है जैसे कि अन्य छोटी बचत योजनाओं में होता है मसलन पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) और सुकन्या समृद्धि योजना।

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