PPF Vs VPF: अपने निवेश पर उच्च रिटर्न पाना चाहते हैं तो यहां करें निवेश, नहीं है पैसा डूबने का खतरा

PPF Vs VPF फिक्स डिपॉजिट भारतीयों के बीच काफी लंबे समय से एक पसंदीदा निवेश विकल्प रहा है। यहां लोग ऐसे निवेश विकल्पों में निवेश करना पसंद करते हैं जहां गारंटीड रिटर्न मिले और निवेश की गई रकम महफूज रहे। एफडी (FD) ऐसे ही निवेश विकल्पों में से एक है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 05:32 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jun 2021 07:08 AM (IST)
PPF Vs VPF: अपने निवेश पर उच्च रिटर्न पाना चाहते हैं तो यहां करें निवेश, नहीं है पैसा डूबने का खतरा
PPF Vs VPF P C : Pixabay

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फिक्स डिपॉजिट भारतीयों के बीच काफी लंबे समय से एक पसंदीदा निवेश विकल्प रहा है। यहां लोग ऐसे निवेश विकल्पों में निवेश करना पसंद करते हैं, जहां गारंटीड रिटर्न मिले और निवेश की गई रकम महफूज रहे। एफडी (FD) ऐसे ही निवेश विकल्पों में से एक है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से एफडी पर ब्याज दरें काफी घट गई हैं। इस कारण अब लोग अन्य निवेश विकल्पों की तलाश में हैं।

सरकार समर्थित स्मॉल सेविंग स्कीम्स भी गारंटीड रिटर्न प्रदान करती हैं। वेतनभोगी कर्मचारियों की बात करें, उनके लिए पीपीएफ (PPF) और वीपीएफ (VPF) काफी बेहतर निवेश विकल्प हैं। आज हम आपको इन्हीं दोनों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा सन् 1968 में एक सेविंग इंस्ट्रूमेंट के रूप में लाया गया था। यह योजना आयकर लाभों के साथ आती है। PPF में आपको अकाउंट एक्टिव रखने के लिए एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है। वहीं, आप एक वित्त वर्ष में पीपीएफ में अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हो। पीपीएफ 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है। इस समय इस योजना में ब्याज दर 7.1 फीसद सालाना है। पीपीएफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की आयकर छूट की पेशकश करता है। इस योजना में अर्जित ब्याज भी पूरी तरह कर मुक्त होता है।

स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF)

वीपीएफ एक स्वैच्छिक योगदान है, जो वैधानिक ईपीएफ योगदान के अतिरिक्त होता है। केवल वेतनभोगी कर्मचारी, जो ईपीएफओ के सदस्य हैं, वीपीएफ में निवेश कर सकते हैं। कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी के 12 फीसद से अधिक ईपीएफ में योगदान नहीं दे सकते हैं। अगर कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी के 12 फीसद से अधिक का योगदान देना चाहते हैं, तो वीपीएफ के तहत कर सकते हैं। वीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 8.50 फीसद है। वीपीएफ में योगदान धारा 80 सी के तहत कर छूट के योग्य होता है। ईपीएफ की तरह ही वीपीएफ भी EEE स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इसमें निवेश राशि, ब्याज राशि और मैच्योरिटी की राशि सभी कर मुक्त होती हैं।

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