Jagran Dailogues: गृहणियां कैसे बनें आर्थिक रूप से मजबूत, एक्सपर्ट्स से जानिए शानदार टिप्स

Investment Tips गृहणियां पैसे बचाकर रखती हैं लेकिन रखे हुए पैसे का कोई ग्रोथ (Growth) नहीं होता है। गृहणियों को इन सेविंग्स (Savings) को इंवेस्टमेंट में बदलना चाहिए। इससे उनकी बचत खाते में जमा रकम में वृद्धि होगी।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 12:27 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:41 AM (IST)
Jagran Dailogues: गृहणियां कैसे बनें आर्थिक रूप से मजबूत, एक्सपर्ट्स से जानिए शानदार टिप्स
निवेश का विकल्प चुनते समय महिलाओं को लक्ष्य निर्धारत करना चाहिए।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) केवल पुरूषों या कामकाजी महिलाओं के लिए जरूरी नहीं होता है। यह गृहणियों या घरेलू महिलाओं के लिए भी काफी अहम होता है। इसके जरिए गृहणियां प्रतिकूल परिस्थितियों में बढ़िया ढंग से अपने रुपये-पैसों को मैनेज करते हुए अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित बना सकती हैं। Jagran Dialogues के हालिया एपिसोड में इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। Jagran New Media के Manish Mishra और Varun Sharma ने इस मुद्दे पर पर सेबी रजिस्‍टर्ड इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइजर Shilpa Wagh और सेबी रजिस्‍टर्ड इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइजर Priyadarshini Mulye से विस्तृत बातचीत की।

इस बातचीत के संपादित अंश इस प्रकार हैंः

सवालः महिलाओं को अपने पैसे कहां इंवेस्ट करने चाहिए, जिससे कि उनके पैसे की वृद्धि भी हो और वे जब चाहें उन पैसों को निकाल लें?

Mulye: गृहणियां पैसे बचाकर रखती हैं लेकिन रखे हुए पैसे का कोई ग्रोथ नहीं होता है। गृहणियों को इन सेविंग्स को इंवेस्टमेंट में बदलना चाहिए। इससे उनकी बचत खाते में जमा रकम में वृद्धि होगी। निवेश का विकल्प चुनते समय महिलाओं को लक्ष्य निर्धारत करना चाहिए। इससे वे सही इंस्ट्रुमेंट में Investment कर पाएंगी।

अगर आपको शॉर्ट टर्म के लिए कुछ करना है तो आप शॉर्ट टर्म बैंक एफडी में निवेश कर सकते हैं। शॉर्ट टर्म म्युचुअल फंड में निवेश कर सकती हैं। लंबी अवधि के लिए लॉन्ग टर्म म्युचुअल फंड या पीपीएफ का सहारा ले सकती हैं।

इस पूरी बातचीत को आप यहां देख सकते हैंः

सवालः गृहणियां कई बार डिजिटल तरीके से निवेश करने में सहज महसूस नहीं करती हैं। ऐसे में घरेलू महिलाओं के लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिए निवेश के क्या विकल्प हो सकते हैं?

Wagh: इंवेस्टमेंट एवं रिटर्न की जब हम बात करते हैं तो सबसे पहले लक्ष्य तय करना जरूरी होता है। जब हमारे लक्ष्य तय हो गए तो फिर हम ये देखते हैं कि हमारे पास कितना वक्त है इसके वास्ते धन इकट्ठा करने के लिए। अगर मुझे पैसे की जरूरत छह माह के बाद है तो हमें अलग निवेश करना होगा और अगर छह साल के बाद है तो मुझे अलग तरीके से निवेश करना होगा। जिस तरह के हम निवेश सेलेक्ट करते हैं, उसी तरह के निवेश हमें हासिल होंगे।

एक प्लानर के तौर पर मैं कहना चाहूंगी कि आपके इंवेस्टमेंट की शुरुआत इमरजेंसी फंड बनाने से करनी चाहिए। इस महामारी ने हम सबको सीखा दिया है कि हमारा जॉब हो, हमारा बिजनेस हो, कही पर भी आर्थिक नुकसान हो सकता है। ऐसे में गृहणियां अपने परिवार को सपोर्ट कर सकती हैं। इमरजेंसी फंड इसका सबसे उपयुक्त टूल साबित हो सकता है। महिलाएं एक तरह से सेव करके पैसे एक डिब्बे में रखती हैं, तो यह भी एक तरह का इमरजेंसी फंड है लेकिन मैं बता दूं कि यह पैसा बढ़ेगा नहीं क्योंकि इस पर किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है। अगर यह पैसा साधारण सेविंग अकाउंट में भी रखती हैं तो कुछ-ना-कुछ ब्याज तो मिलेगा ही। वहीं, अगर आपका लक्ष्य एक साल से कम अवधि का है तो बैंक एफडी आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। आप बैंक जाकर अपना एफडी करा सकती हैं या रिकरिंग डिपोजिट के जरिए भी इमरजेंसी फंड बना सकती हैं। अगर आपका पांच-छह साल का लक्ष्य है तो फिर एफडी काफी नहीं होगा। म्युचुअल फंड एक ऑप्शन है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि समय के साथ हम डिजिटल माध्यमों को भी ज्यादा से ज्यादा अपनाएं।

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