जानिए क्या हैं Gratuity के नियम और कैसे करते हैं इसका कैलकुलेशन

कर्मचारी के प्रत्येक साल की सेवा के लिए कंपनी को पिछली सैलरी (बैसिक सैलरी+महंगाई भत्ता+कमीशन) के 15 दिनों के बराबर की रकम ग्रैच्युटी के रूप में देनीी होती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Tue, 13 Aug 2019 11:54 AM (IST) Updated:Tue, 27 Aug 2019 08:25 AM (IST)
जानिए क्या हैं Gratuity के नियम और कैसे करते हैं इसका कैलकुलेशन
जानिए क्या हैं Gratuity के नियम और कैसे करते हैं इसका कैलकुलेशन

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जब कोई कर्मचारी किसी कंपनी में कम से कम 5 साल काम कर लेता है, तो कंपनी की तरफ से उसे एकमुश्त रकम दी जाती है, जिसे ग्रैच्युटी कहते हैं। अपने कर्मचारियों को ग्रैच्युटी देना केवल कंपनी की जिम्मेदारी ही नहीं बनती, बल्कि यह कानूनी रूप से अनिवार्य भी है। पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट, 1972 के अंतर्गत ग्रैच्युटी का फायदा उस संस्थान के कर्मचारी को मिलता है, जहां 10 से अधिक कर्मचारी हों। कर्मचारी द्वारा नौकरी से इस्तीफा दे देने, रिटायरमेंट हो जाने, अथवा कर्मचारी के दुर्घटना या बीमारी के कारण अपंग हो जाने पर भी कंपनी द्वारा ग्रैच्युटी की रकम दी जाती है, बशर्ते उसे कंपनी में काम करते हुए 5 साल पूरे हो चुके हों। कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर भी ग्रैच्युटी का प्रावधान है और इसमें 5 साल की सेवा का नियम लागू नहीं होता है।

यह भी पढ़ें: अगर पैसों की है इमरजेंसी तो इन विकल्पों से तुरंत मिलेगी नकदी

ऐसे होती है ग्रैच्युटी की गणना

ग्रैच्युटी की राशि और इस पर लगने वाले आयकर की गणना के लिए अलग-अलग नियम हैं। ग्रैच्युटी एक्ट के दायरे में आने वाले कर्मचारियों, एक्ट के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए भिन्न नियम हैं। आपको बता दें कि कर्मचारी के प्रत्येक साल की सेवा के लिए कंपनी को पिछली सैलरी (बैसिक सैलरी+महंगाई भत्ता+कमीशन) के 15 दिनों के बराबर की रकम ग्रैच्युटी के रूप में देने होती है। साथ ही अगर कोई कर्मचारी अपनी सर्विस के अंतिम साल से छह महीने से ज्यादा काम करता है, तो उसे ग्रैच्युटी की गणना करते समय पूरा एक साल माना जाता है। जैसे अगर कोई कर्मचारी अपनी कंपनी में 5 साल 7 महीने सेवा देता है, तो ग्रैच्युटी की गणना 6 सालों की सर्विस के आधार पर होगी।

ऐसे पता करें अपनी ग्रैच्युटी

किसी भी कर्मचारी की ग्रैच्युटी की रकम दो चीजों पर निर्भर करती है। कर्मचारी ने उस कंपनी में कितने साल काम किया है और उसकी अंतिम सैलरी क्या थी। इस सैलरी में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) शामिल होता है। अपनी ग्रैच्युटी की रकम की गणना करना बहुत आसान है। इसके लिए आपको उस कंपनी में अपने सेवा के कुल सालों को 15 दिन की सैलरी से गुणा करना होगा। यहां 15 दिन की सैलरी सेवा के आखिरी महीने की सैलरी (बेसिक सैलरी और डीए) के आधार पर तय होती है। ग्रैच्युटी की गणना में एक महीने की सर्विस को 26 दिन के काम के रूप में माना जाता है। 15 दिन की सैलरी की गणना भी इसी आधार पर की जाती है।

इस तरह 15 दिनों की सैलरी निकालने के लिए आपको आखिरी महीने की सैलरी (मूल वेतन और डीए) में 26 से भाग देकर जो आए उसमें 15 से गुना करना होता है। अब ग्रैच्युटी की रकम निकालने के लिए आपको इस राशि को सेवा के कुल वर्षों से गुणा करना होगा।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने भारत से बंद किया व्यापार, तो अब वहां जीवनरक्षक दवाओं की कमी का खतरा, फिर बिजनेस शुरू करने के लिए बेचैन

30 दिन के अंदर ग्रैच्युटी का भुगतान करना जरूरी
कर्मचारी के कंपनी में अंतिम दिन से 10 दिनों के अंदर कंपनी को ग्रैच्युटी की रकम देनी होती है। यदि ग्रैच्युटी के भुगतान में 30 दिनों से ज्यादा की देरी होती है तो कंपनी को इस पर ब्याज भी देना होता है।
यह भी पढ़ें: पेट्रोल और डीजल दोनों हुए सस्ते, जानिए कितने गिर गए हैं दाम

chat bot
आपका साथी