Gold vs Mutual Fund: सोना या म्यूचुअल फंड, कोरोना महामारी के समय आपको कहां करना चाहिए निवेश, जानिए

म्यूचुअल फंड में भी वर्षों से निवेश को लेकर लोकप्रियता रही है। इसमें रिटर्न की संभावना ज्यादा होती है। इसमें निवेश में आसानी एसआईपी के जरिये कम जोखिम कर-दक्षता प्रमुख विशेषताएं ह

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 09:00 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 10:15 AM (IST)
Gold vs Mutual Fund: सोना या म्यूचुअल फंड, कोरोना महामारी के समय आपको कहां करना चाहिए निवेश, जानिए
Gold vs Mutual Fund: सोना या म्यूचुअल फंड, कोरोना महामारी के समय आपको कहां करना चाहिए निवेश, जानिए

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना काल में हर ओर परेशानी और आर्थिक तंगी है। ऐसे में कई लोग निवेश के बारे में सोचते हैं। भारतीयों के लिए पारंपरिक रूप से सोना पसंदीदा निवेश विकल्प रहा है। यह न केवल अनिश्चितता के समय बल्कि महंगाई के समय भी मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी साधन माना जाता है। हालांकि, म्यूचुअल फंड में भी वर्षों से निवेश को लेकर लोकप्रियता रही है। इसमें रिटर्न की संभावना ज्यादा होती है। इसमें निवेश में आसानी, एसआईपी के जरिये कम जोखिम कर-दक्षता प्रमुख विशेषताएं हैं।

2020 में वित्तीय बाजार अस्थिर रहे हैं। इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंड्स में भयानक उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं, लेकिन उच्च मांग और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2020 में गोल्ड ने 50,000 रुपये का स्तर छू लिया है। 2018 की तुलना में इसमें लगभग 60% बढ़ गई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोविड -19 की अनिश्चितता सोने और इसकी कीमत की मांग को और बढ़ा सकती है।

तो ऐसे समय में आपको गोल्ड या म्यूचुअल फंड कहां निवेश करना चाहिए? दरअसल, निवेशकों को परिसंपत्ति वर्गों को समान विकल्प के रूप में नहीं देखना चाहिए। बल्कि, इन सभी में से सबसे अच्छे विकल्प परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करना चाहिए और बाजार की अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितता के खिलाफ बेहतर रूप से संरक्षित रहना चाहिए। वित्तीय लक्ष्यों, रिटर्न की उम्मीदों, जोखिम की भूख और तरलता की जरूरतों के अनुसार गोल्ड और म्यूचुअल फंड दोनों में निवेश करना सही रहेगा।

जानकार बताते हैं कि निवेश का नजरिया लंबा रखके इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करना बेहतर है। लंबी अवधि में किसी भी अन्य एसेट क्लास के मुकाबले इक्विटी में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता होती है। इस तरह के एसेट क्लास में सोना शामिल है। दूसरी ओर कई विश्लेषकों का मानना है कि सोने में निवेश सिर्फ पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए ही किया जाना चाहिए। सोना निवेश का विकल्प नहीं है। यह किसी आर्थिक झटके से सुरक्षा के लिए चुकाए जाने वाले प्रीमियम की तरह है। कुल पोर्टफोलियो का सिर्फ 5-10 फीसदी ही सोने में निवेश करना चाहिए। वहीं, इक्विटी म्यूचुअल फंडों का सवाल है तो इनमें अपने जोखिम प्रोफाइल को देखकर निवेश करना चाहिए।

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