VPF में मिलता है पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं से अधिक ब्याज, जानिए इसकी खास बातें
VPF एक तरह से देखें तो वीपीएफ वास्तव में ईपीएफ ही है लेकिन यह कर्मचारी को अपने रिटायरमेंट फंड के लिए अधिक राशि का योगदान करने की अनुमति प्रदान करता है। वीपीएफ में ब्याज दर ईपीएफ के समान ही होती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में योगदान देने वाले वेतनभोगी कर्मचारी को हर महीने अपनी बेसिक वेतन का 12 फीसद हिस्सा पीएफ खाते में जमा कराना होता है और इतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा जमा करायी जाती है। स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) ईपीएफ का विस्तार ही है, जिसमें कर्मचारी अपने पीएफ खाते में अपने बेसिक वेतन के 12 फीसद से अधिक राशि स्वेच्छा से जमा करा सकते हैं। ईपीएफ में कर्मचारी अपने पीएफ अकाउंट में बेसिक वेतन की 12 फीसद राशि ही जमा करा सकते हैं।
एक तरह से देखें, तो वीपीएफ वास्तव में ईपीएफ ही है, लेकिन यह कर्मचारी को अपने रिटायरमेंट फंड के लिए अधिक राशि का योगदान करने की अनुमति प्रदान करता है। वीपीएफ में ब्याज दर ईपीएफ के समान ही होती है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ की ब्याज दर को 8.5 फीसद पर बरकरार रखा गया है। यह ब्याज दर स्माल सेविंग्स स्कीम्स द्वारा प्रदान की जारी ब्याज दर से काफी अधिक है। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स निवेशकों से वीपीएफ में निवेश करने की सलाह देते हैं।
ईपीएफओ के नियमों के अनुसार, नियोक्ता को वीपीएफ के मामले में कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 12 फीसद से अधिक राशि का योगदान करने की आवश्यकता नहीं है। वीपीएफ योगदान पर मिलने वाला कर लाभ ईपीएफ के समान ही है। साथ ही जमा हुए फंड या निकासी पर कोई कर देय नहीं है।
हालांकि, बजट 2021-22 में आए ताजा प्रस्ताव के बाद सालाना योगदान पर बने ब्याज पर एक सीमा के बाद टैक्स लगता है। एक अप्रैल, 2021 से वीपीएफ पर अर्जित ब्याज पर 2.5 लाख प्रति वर्ष की सीमा के बाद टैक्स लगेगा।
साथ ही, अगर अगर नियोक्ता द्वारा ईपीएफ खाते में कोई योगदान नहीं किया गया है, (आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों के मामले में) तो एक वित्त वर्ष में पांच लाख तक की जमा के लिए ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।