देसी Bitcoin एक्सचेंज का चीनी कनेक्शन, प्रवर्तन निदेशालय ने हजारों करोड़ के केस में किया बुक
Bitcoin में खरीद-फरोख्त कराने वाला देश का सबसे बड़ा Cryptocurrency Exchange प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शिकंजे में है। ED ने एक्सचेंज को हजारों करोड़ रुपए के Case में बुक किया है। देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Bitcoin में खरीद-फरोख्त कराने वाला देश का सबसे बड़ा Cryptocurrency Exchange प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शिकंजे में है। ED ने एक्सचेंज को हजारों करोड़ रुपए के Case में बुक किया है। देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। एक्सचेंज को यह नोटिस 2,790 करोड़ रुपये के लेन-देन में कथित रूप से विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (Fema) के उल्लंघन के लिए जारी किया गया है।
2017 में बना है WazirX
इस एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) की स्थापना दिसंबर, 2017 में कंपनी जन्माई लैब्स प्राइवेट लि. के तहत हुई थी। इसे घरेलू क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप के रूप में स्थापित किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच के बाद जो नोटिस जारी किया गया है उसमें एक्सचेंज के निदेशक निश्चल सेठी और हनुमान महात्रे का भी नाम है।
चीनी कंपनी का मामला
ईडी ने कहा कि एक चीनी के स्वामित्व वाली गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग ऐप से संबंधित मनी लांड्रिंग (Money Laundering) की जांच के दौरान उसे कंपनी के इस लेन-देन की जानकारी मिली।
2,790.74 करोड़ रुपये के लेनदेन में नोटिस
ED ने कहा कि यह कारण बताओ नोटिस 2,790.74 करोड़ रुपये के लेनदेन के संदर्भ में है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया कि चीन के नागरिकों ने भारतीय रुपये की जमा को क्रिप्टोकरेंसी टीथर (यूएसडीटी) में बदलकर 57 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई का धनशोधन किया। बाद में इसे बाइनेंस (केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक्सचेंज) वॉलेट को स्थानांतरित कर दिया गया।
WazirX ने लेन-देन की इजाजत दी
बाइनेंस ने 2019 में WazirX का अधिग्रहण किया था। ED का आरोप है कि WazirX ने क्रिप्टोकरेंसी के जरिये व्यापक लेन-देन की इजाजत दी। वजीरएक्स ने धन शोधन रोधक कानून और आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (CFT) और साथ में फेमा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए जरूरी दस्तावेजों को जुटाए बिना इनकी इजाजत दी।