इन पांच कंपनियों के IPO में लगाया पैसा इन तीन कारणों की वजह से हो गया है ब्लॉक
अगस्त का महीना IPO मार्केट के लिए अच्छा नहीं रहा इस दौरान पांस कंपनियों के IPO अपने प्रीमियम से कम पर लिस्ट हुए। बाजर विश्लेषकों ने इसके पीछे तीन प्रमुख कारण गिनाए हैं जिस वजह से निवेशकों का पैसा ब्लॉक हुआ है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। अगस्त का महीना IPO के लिहाज से अच्छा नहीं रहा। इस माह में कम से कम दस कंपनियों ने शेयर बाजार में अपना डेब्यू किया और उनमें से आधी कंपनियां अपने प्रीमियम से कम पर लिस्ट हुईं। मार्केट एक्सपर्ट ने इसके पीछे तीन प्रमुख कारण गिनाए हैं, पहला बाजार में लगतार IPO का लॉन्च होना, दूसरा IPO लाने वाली कंपनियों का उत्साहजनक प्रदर्शन ना होना और तीसरा IPO का वैल्युएशन। जानकारों के मुताबिक कंपनियों के IPO कम प्रीमियम पर लिस्ट होने के कारण बाजार निवेशकों का पैसा बाजार में ब्लॉक हो गया है।
अगस्त के महीने में विंडलास बायोटेक, CarTrade Tech, नुवोको विस्टास कॉरपोरेशन, केमप्लास्ट सनमार और एप्टस वैल्यू हाउसिंग फाइनेंस इंडिया ने IPO कम प्रीमियम पर शेयर बाजार में लिस्ट हुए इससे निवेशकों को नुकसान हुआ।
IPO बाजार की बात करें तो इस कारोबारी साल में अब तक 20 कंपनियां अपना IPO लेकर आई हैं, इनके जरिए कंपनियों ने बाजार से 45,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, पर निवेशकों को उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं मिला।
इन कंपनियों ने दिया अच्छा रिटर्न
ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज, रोलेक्स रिंग्स, एक्सारो टाइल्स, विंडलास बायोटेक, कृष्णा डायग्नोस्टिक्स और देवयानी इंटरनेशनल के IPO ने निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया। ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज अपने पहले कारोबार में 720 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले करीब 4 फीसदी प्रीमियम के साथ बंद हुआ था। वहीं रोलेक्स रिंग्स 9 अगस्त को 900 रुपये के इश्यू प्राइस की तुलना में 30 फीसद के प्रीमियम के साथ बंद हुआ। एक्सक्सारो टाइल्स इश्यू प्राइस 954 रुपये के मुकाबले करीब 4 फीसदी प्रीमियम के साथ बंद हुआ था। इसके अलावा देवयानी इंटरनेशनल लिमिटेड इश्यू प्राइस 90 रुपये के मुकाबले 37 फीसदी के प्रीमियम के साथ बंद हुआ था। अगस्त महीने में हुई लिस्टिंग के विश्लेषण से पता चला है कि देवयानी इंटरनेशनल और रोलेक्स रिंग्स सहित पांच कंपनियां एक्सचेंजों पर प्रीमियम के साथ सूचीबद्ध हुए हैं।
एक्सपर्ट्स की राय
हाल के सप्ताहों में हुई लिस्टिंग कीमतों में नरमी के कारणों पर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा है कि, "साल 2020 और 2021 के दौरान IPO के अच्छे प्रदर्शन ने ऑफरिंग की क्वालिटी में कमी और गिरावट ला दी है, जिससे हालिया IPO का प्रदर्शन कमजोर हुआ है। इसके अलावा, अगस्त के महीने में मिड और स्मॉलकैप की अस्थिरता ने एक ही तरह के IPO के प्रदर्शन को प्रभावित किया है।"
Julius Baer में इक्विटी, निवेश और रणनीति के प्रमुख रूपेन राजगुरु ने कहा "कि हर बाजार में उतार-चढ़ाव की अवधि होती है और शायद हम IPO बाजार में भी ऐसा ही देख रहे हैं। 2021 एक ऐसा साल रहा है जिसमें हमने सार्वजनिक और निजी बाजारों में बहुत मजबूत प्रवाह देखा है। हालांकि बाद में कुछ IPO का वैल्युएशन ऐसा था जिससे आने वाले निवेशकों के लिए टेबल पर ज्यादा पैसा नहीं बचा था और इसलिए कमजोर प्रतिक्रिया थी। मौजूदा वक्त में ग्लोबल और लोकल लिक्विडिटी काफी मजबूत है और फिक्स्ड इनकम जैसे काफी कम विकल्प हैं। ऐसे में अच्छी कंपनियों के लिए मजबूत डिमांड हो सकती है बशर्ते IPO का मूल्य बहुत अनुचित ना हो।"