अब अपनी बाइक पर नहीं देना होगा ज्यादा प्रीमियम, ये 4 तरीके आएंगे काम

हम इस खबर में आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिससे आपको सस्ती बीमा पॉलिसी लेने में मदद मिलेगी।

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 01:00 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 12:43 PM (IST)
अब अपनी बाइक पर नहीं देना होगा ज्यादा प्रीमियम, ये 4 तरीके आएंगे काम
अब अपनी बाइक पर नहीं देना होगा ज्यादा प्रीमियम, ये 4 तरीके आएंगे काम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत में बाइक ऐसी सवारी है जिसका रोजाना इस्तेमाल होता है। नियमों के मुताबिक अगर किसी के पास बाइक है तो उसे इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है। कई बार लोगों को लगता है कि गाड़ी का बीमा करवाना फिजूल खर्च है। नई गाड़ी खरीदते वक्त बीमा तो हो जाता है, लेकिन पुरानी गाड़ी खरीदने के बाद लोग बीमा से बचते हैं। हमेशा याद रखिए बीमा आपके किसी भी गाड़ी के लिए बहुत जरूरी है। हम इस खबर में आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिससे आपको अपनी बाइक के लिए सस्ती बीमा पॉलिसी लेने में मदद मिलेगी।

बाइक का करें सही चुनाव

बीमा प्रीमियम का खर्च कितना आएगा यह बाइक के चयन पर निर्भर करता है। अगर आपने महंगी कीमत में बाइक खरीदी है, तो आपको उच्च बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा। यदि आप एक स्टैण्डर्ड बाइक, थोड़ा पुराना मॉडल या कोई सेकंड हैंड बाइक का चुनाव करते हैं, तो बीमाकर्ता इस तथ्य पर विचार करके प्रतिस्पर्धी बीमा प्रीमियम दरों की पेशकश कर सकता है। ऐसे में मेंटेनेंस या रिप्लेसमेंट लागत काफी कम आएगी।

बीमा प्लान की तुलना करें

बीमा प्लान खरीदने से पहले देश की बड़ी बीमा कंपनियों की ओर से दी जाने वाली कई बीमा योजनाओं की तुलना करें। इसके लिए आप ऑनलाइन थर्ड पार्टी बीमा पोर्टल्स या संबंधित बीमाकर्ता के वेबसाइट्स पर जाकर तुलना कर सकते हैं। आपको बीमा कंपनी कौन सा प्लान दे रही है और उस पर लाभ, सुविधाओं, दावों की प्रक्रिया, प्रीमियम भुगतान और कंपनी के खर्च के दावे का अनुपात किस तरह है इसका पता लगाकर ही बीमा लेना चाहिए।

लंबी पॉलिसी का चयन करें

बाइक के बीमा के लिए लंबी अवधि के बीमा टेन्योर का चयन करें। यह तीन साल तक के लिए हो सकता है। लंबी अवधि की बीमा पॉलिसी चुनने से बीमा प्रीमियम में कम खर्च आएगा।

छूट के लिए बात करें

बीमा पॉलिसी लेने से पहले एजेंट से छूट के बारे में पूछें। बहुत सी बीमा कंपनियां ऐसी हैं जो पॉलिसी के खरीदार की उम्र को देखते हुए छूट देती हैं। इसके अलावा यह भी पता कर लें कि बीमाकर्ता प्रीमियम छूट को कम कर सकता है या नहीं।

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