समझिए आखिर होम इंश्योरेंस लेना क्यों है जरूरी और इसका क्या है फायदा
वर्ल्ड बैंक के हालिया अनुमान के मुताबिक भारत के 600 जिलों में से एक तिहाई खतरे संभावित क्षेत्र हैं। यह देश की आधी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्राकृतिक आपदा से लोगों की जान और प्रॉपर्टी का बड़ा नुकसान होता है। चेन्नई में आई बाढ़ से कुल 9500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं 2013 में उत्तर भारत में आई बाढ़ से करीब 15000 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया था। बता दें कि भारत में बीते 10 वर्षों से प्राकृतिक आपदा की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इनसे होने वाले नुकसान की राशि अरबों रुपये तक की पहुंच गई है।
वर्ल्ड बैंक के हालिया अनुमान के मुताबिक भारत के 600 जिलों में से एक तिहाई खतरे संभावित क्षेत्र हैं। यह देश की आधी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम है।
होम इंश्योरेंस की जरूरत?
किसी भी प्रकृतिक आपदा में उस बात का पता लगाना मुश्किल है कि असल नुकसान कितने का हुआ। लेकिन जो अपनी आर्थिक जरूरतों को समझते हुए सही इंश्योरेंस का चुनाव करते हैं उनके नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो जाती है। हालांकि, इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक 2001 गुजरात भूकंप के बाद महज 10 फीसद का बीमा हुआ था।
हमें यह बात समझने की जरूरत है कि सही समय पर फाइनेंशियल प्लानिंग करने से वित्तीय बोझ कम हो जाता है। अधिकांश बीमा कंपनियां ऐसी पॉलिसी पेश करती हैं जो घरों का प्रकृतिक आपदा के दौरान बीमा देती हैं।
क्या कवर होता है होम इंश्योरेंस के तहत:
कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत इंश्योरर सामान्य नुकसान के लिए भुगतान नहीं करता, लेकिन प्राकृतिक आपदा जिनमें बाढ़, भूकंप, तूफान आदि शामिल होता है के लिए जरूर भुगतान करता है। मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अपने घर के लिये पर्याप्त कवर खरीदें। पॉलिसी न सिर्फ घर के लिए खरीदें बल्कि घर के सामान जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रिकल, मकैलिकल अप्लाइंस आदि के लिए भी खरीदें।
बहुमूल्य वस्तुएं की चोरी होने पर भी इंश्योरेंस में उसे कवर किया जाता है। प्राकृतिक आपदा में अगर आपका घर ढह या गिर जाता है तो बीमा कंपनिया रीकंस्ट्रक्शन के लिए उसका पैसा देती हैं।
इन एड ऑन पर करें गौर:
स्वास्थ्य, जीवन और मोटर बीमा की तरह होम इंश्योरेंस भी ग्राहकों को अपनी पॉलिसी कवर बढ़ाने के लिए एड ऑन कवर भी पेश करती है। कई एड ऑन प्राकृतिक आपदा जैसे कि बाढ़, तूफान और भूकंप जैसी स्थिति को भी कवर करते हैं।
क्या मानना है एक्सपर्ट का:
फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि आज के समय में होम इंश्योरेंस पॉलिसी लेना घर के मालिकों के लिए काफी जरूरी होता है। आमतौर पर इस तरह की बीमा पॉलिसियों में दो श्रेणियों को कवर किया जाता है। पहला बिल्डिंग स्ट्रक्चर और दूसरा घर का कीमती सामान। यानी अगर किसी प्राकृतिक आपदा में आपके घर के स्ट्रक्चर को कोई नुकसान होता है तो उसमें आने वाले खर्चे (कंस्ट्रक्शन कॉस्ट) की अधिकांश भरपाई इंश्योरेंस कंपनी की ओर से की जाती है। वहीं अगर आपने अपने घर के कीमती सामान मसलन होम अप्लाइंस, पोर्टेबल इक्विपमेंट (सेलफोन, लेपटॉप और टीवी) को भी कवर करवा रखा है तो आगजनी, चोरी और सेंधमारी के बाद आपको ज्यादा वित्तीय नुकसान नहीं उठाना पड़ता है।
होम इंश्योरेंस पॉलिसी में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान, चोरी और सेंधमारी से सुरक्षा मिलती है। जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि कुछ बीमा कंपनिया किराए के घर में भी आपके बहुमूल्य सामान को कवर करती है। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि पैकेज पॉलिसी लेना ज्यादा फायदेमंद रहता है क्योंकि इसमें बिल्डिंग के साथ-साथ घर के सामान और अन्य अहम चीजों को कवर करने की सुविधा दी जाती है।