इंश्‍योरेंस में 74% FDI, जानिए क्‍या होगा बीमाधारकों पर असर

Insurance sector में अब 74 फीसद FDI का रास्‍ता साफ हो गया है। क्‍योंकि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने सरकार के बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के फैसले को नोटिफाई कर दिया है।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 10:26 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 10:26 AM (IST)
इंश्‍योरेंस में 74% FDI, जानिए क्‍या होगा बीमाधारकों पर असर
बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद ने मार्च में पारित किया था। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Insurance sector में अब 74 फीसद FDI का रास्‍ता साफ हो गया है। क्‍योंकि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने सरकार के बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के फैसले को नोटिफाई कर दिया है। विभाग के मुताबिक फैसला विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (Fema) की अधिसूचना की तारीख से प्रभाव में आएगा।

बता दें कि बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद ने मार्च में पारित किया था। Bill के जरिये बीमा कानून, 1938 को संशोधित किया गया है। बीमा क्षेत्र में एफडीआई 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत 2015 में किया गया था। एफडीआई सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव एक फरवरी को पेश 2021-22 के बजट में किया गया था।

क्‍यों पड़ी जरूरत

इस कदम से निजी क्षेत्र की 23 जीवन बीमा कंपनियों, 21 साधरण बीमा कंपनियों और 7 विशेष निजी स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को फायदा होने की उम्मीद है। अब सवाल उठता है कि इससे आम बीमाधारक को क्‍या फायदा होगा और यह कितना जरूरी था?

कंपनियों के पास फंड की जरूरत पूरी होगी

पर्सनल फाइनेंस एक्‍सपर्ट और CA अरविंद दुबे के मुताबिक बीमा क्षेत्र में लोगों की बड़ी पूंजी लगी है। इससे पहले भी खोलने का प्रयास किया गया। FDI की सीमा बढ़ने से देश की बीमा कंपनियों को विदेशी धन का इस्‍तेमाल करने की छूट मिल गई है। इससे विदेशी कंपनियां भारतीय बीमा कंपनियों पर नियंत्रण स्‍थापित कर सकती हैं। इससे विदेशी कंपनी को ज्‍यादा डायरेक्‍टर नियुक्‍त करने का अधिकार मिल जाएगा। वे नीतिगत फैसलों और प्रबंधन पर नियंत्रण रखेंगे।

GDP में योगदान बढ़ेगा

अरविंद दुबे के मुताबिक इससे देश के इंश्‍योरेंस सेक्‍टर को GDP के टर्म्‍स में बढ़ने की उम्‍मीद है। अभी यह 3.76 फीसद पर है। जबकि ग्‍लोबल एवरेज 7 फीसद का है।

बीमाधारक के लिए कैसे फायदेमंद

अरविंद दुबे के मुताबिक बीमा धारक के लिए यह ऐसे फायदेमंद है क्‍योंकि FDI बढ़ने से विदेशी कंपनियों को भारत में कारोबार का मौका मिलेगा। वे ज्‍यादा अच्‍छे ट्रेंड सेट करने में मदद करेंगी। बीमा बाजार में सुधार आएगा। कम्‍पीटीशन बढ़ेगा तो प्रीमियम पर भी असर पड़ेगा। पॉलिसी सस्‍ती होने की उम्‍मीद रहेगी। ग्राह‍क के पास पॉलिसी लेने के लिए कंपनियों की संख्‍या बढ़ जाएगी। क्‍लेम सेटेलमेंट भी बेहतर होगा।

ग्राहक का हित सुरक्षित

सरकार ने FDI लिमिट बढ़ाने के साथ बीमाधारक का हित सुरक्षित रखने के लिए कई सेफगार्ड अपनाए हैं। इनमें कंपनी के निदेशकों और मैनेजमेंट के लोगों में ज्‍यादातर भारतीय नागरिक होंगे ताकि उन पर यहां के कानून लागू हों। इसके अलावा जनरल रिजर्व बनाने के लिए सरकार अधिकृत करेगी।

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